बल्लेबाज और गेंदबाज कितने भी अच्छे क्यों न हों, उन्हें परिस्थिति का सम्मान करना ही पड़ता है। परिस्थिति के हिसाब से आपको अपना खेल बदलना पड़ता है। तभी आप सफल होंगे। भारत में पिच और परिस्थितियां अलग हैं, ऑस्ट्रेलिया में अलग हैं और इंग्लैंड में भी अलग हैं। वेस्टइंडीज में खेलना एक अलग चुनौती है। हर देश के साथ इसमें काफी बदलाव होता है। इस खेल में वही खिलाड़ी सफल होते हैं जो हर परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं। अगर फॉर्मेट टेस्ट है तो उनकी मांग और भी बढ़ जाती है।
प्रसिद्ध कृष्णा को हो रही है परेशानी
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज के पहले मैच में काफी महंगे रहे। उन्होंने पहली पारी में 3 विकेट लिए लेकिन 20 ओवर में 128 रन दिए। उनकी इकॉनमी 6.40 रही। यह वनडे क्रिकेट के हिसाब से भी महंगा है। उन्होंने दूसरी पारी में दो विकेट लिए। इस बार भी उन्होंने 15 ओवर में 6.10 की इकॉनमी से 92 रन दिए। वे पूरे मैच में एक भी मेडन ओवर नहीं फेंक पाए।
प्रसिद्ध पिचर गेंदबाजी में माहिर हैं
प्रसिद्ध कृष्णा की स्वाभाविक लंबाई पिचर गेंदबाजी करने की है। वह अपनी लंबाई का फायदा उठाते हैं और उछाल से बल्लेबाजों को परेशान करते हैं। ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टेस्ट मैचों में उन्होंने शानदार गेंदबाजी की, लेकिन इंग्लैंड की परिस्थितियों में ऐसी गेंदबाजी का कोई असर नहीं होता। इंग्लैंड की पिच स्विंग गेंदबाजों की मदद करती है। यहां आपको आगे की ओर गेंदबाजी करनी होती है और सफलता पाने के लिए गेंद को दोनों दिशाओं में स्विंग कराना होता है। प्रसिद्ध ने पहली पारी में पिचर गेंदों पर तीनों विकेट लिए। बल्लेबाजों ने उन्हें शॉट खेलकर विकेट दिए, लेकिन कई रन भी दिए।
प्रसिद्ध के खिलाफ बुमराह का उदाहरण
प्रसिद्ध कृष्णा के पास सीखने के लिए जसप्रीत बुमराह का उदाहरण है। बुमराह पिच और परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं। जब वह शुरुआत में आए थे, तो वह सिर्फ दाएं हाथ के बल्लेबाजों को इनस्विंग गेंदबाजी करते थे। जल्द ही उन्होंने आउटस्विंग करना भी सीख लिया। उनके पास यॉर्कर, तेज बाउंसर और धीमी गेंद भी है। अगर प्रसिद्ध टेस्ट क्रिकेटर को अपना करियर आगे बढ़ाना है, तो उन्हें अपने खेल में विविधता लानी होगी।