आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में रिश्तों को बनाए रखना पहले से कहीं ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। रिश्ते सिर्फ भावनाओं का खेल नहीं हैं, बल्कि यह दो व्यक्तियों के बीच परस्पर समझ, आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास पर भी आधारित होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जब किसी रिश्ते में आत्मविश्वास की कमी होती है, तो वह रिश्ता धीरे-धीरे दरकने लगता है। अपने आप पर भरोसा न होना न केवल आपके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि पार्टनर के साथ रिश्ते में भी तनाव और दूरियां पैदा करता है।
आत्मविश्वास क्यों है जरूरी?
रिलेशनशिप में आत्मविश्वास का मतलब है – खुद की पहचान को समझना, अपनी खूबियों को स्वीकार करना और अपनी कमियों को सुधारने की कोशिश करना। अगर किसी व्यक्ति को खुद पर भरोसा नहीं होता, तो वह अक्सर अपनी असुरक्षा को सामने वाले पर थोपता है। यह शक, जलन, अधिकार जताना और बार-बार आश्वासन मांगने जैसे व्यवहार में बदल जाता है। ऐसे में सामने वाला व्यक्ति भी खुद को असहज महसूस करने लगता है और रिश्ता बोझ बन जाता है।
आत्मविश्वास की कमी से उपजती हैं कई समस्याएं
जब किसी व्यक्ति को अपने निर्णय लेने की क्षमता पर भरोसा नहीं होता, तो वह अक्सर अपने पार्टनर पर निर्भर हो जाता है – छोटे से छोटे फैसलों के लिए। यह स्थिति धीरे-धीरे थकावट और चिढ़ में बदल जाती है। साथ ही, आत्मविश्वास की कमी से व्यक्ति खुद को दूसरों से कमतर समझने लगता है, जिससे जलन, तुलना और असंतोष जन्म लेता है।उदाहरण के लिए, यदि एक व्यक्ति अपने पार्टनर के करियर ग्रोथ से खुद को असुरक्षित महसूस करता है, तो वह अनजाने में उनकी उपलब्धियों को कम आंकने लगता है या उन पर ताने कसने लगता है। यह नकारात्मक व्यवहार रिश्ते की नींव को कमजोर करता है।
रिश्ते में बनाएं संतुलन, आत्मनिर्भर बनें
रिश्ते में परस्पर निर्भरता जरूरी होती है, लेकिन यह भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए होनी चाहिए, न कि आत्म-संवेदनाओं को कुचलने के लिए। आत्मनिर्भरता यानी कि आप अपने फैसले खुद लेने में सक्षम हों, अपने विचार स्पष्ट रूप से रख सकें और असहमति को भी स्वस्थ तरीके से व्यक्त कर सकें।यदि आप हमेशा इस चिंता में रहते हैं कि “वो मुझे छोड़ देगा”, “मैं उसके लायक नहीं हूं”, या “मैं कुछ नहीं कर सकता”, तो यह सोच धीरे-धीरे आपके आत्मसम्मान को नष्ट कर देती है। ऐसे में जरूरी है कि आप खुद को स्वीकार करें, अपनी खूबियों पर गौर करें और खुद के साथ समय बिताएं।
खुद को मजबूत बनाएं, रिश्ते को भी बनाएं
रिश्तों में समस्याएं आना सामान्य बात है, लेकिन उनका समाधान संवाद, समझ और आत्मविश्वास से ही संभव है। अपने आप से सवाल करें – क्या मैं खुद से खुश हूं? क्या मैं खुद को बिना जज किए देख सकता हूं? अगर इन सवालों का जवाब ‘नहीं’ है, तो सबसे पहले खुद के साथ रिश्ता सुधारिए।आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ध्यान, जर्नलिंग, नई स्किल सीखना, योग, या थेरेपी जैसी चीज़ें अपनाई जा सकती हैं। जब आप खुद से जुड़ते हैं, तभी किसी और के साथ सही मायनों में जुड़ पाते हैं।