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भारत के टॉप शहरों में पहली तिमाही में ऑफिस लीजिंग स्पेस में टेक सेक्टर का योगदान 31 प्रतिशत रहा : रिपोर्ट

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मुंबई, 28 जून (आईएएनएस) । भारत के शीर्ष सात शहरों में 2025 की पहली तिमाही में कुल लीजिंग में टेक सेक्टर का योगदान करीब 31 प्रतिशत रहा। यह जानकारी शनिवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

जेएलएल की एक रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के दौरान कुछ समय की गिरावट के बाद, टेक सेक्टर लीजिंग में जोरदार उछाल आया है और यह 2024 में 26 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा, यह 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में कुल ऑफिस लीजिंग में 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि टेक्नोलॉजी सेक्टर लगातार ऑफिस की मांग का मुख्य आधार बना हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 2017 से 2025 की पहली तिमाही तक 130.8 मिलियन वर्ग फुट ग्रॉस लीजिंग हुई है।

जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री सामंतक दास ने कहा, “भारत के ऑफिस मार्केट की कहानी हमारे तकनीकी क्षेत्र के विकास से जुड़ी हुई है। हालांकि समग्र क्षेत्र एंकर बना हुआ है, लेकिन जीसीसी सेगमेंट अब ड्राइवर सीट पर है।”

भारत के वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) तेजी से बेसिक कॉस्ट-आर्बिट्रेज सेंटर से इनोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और ग्लोबल बिजनेस परिवर्तन के लिए हब बनने की ओर बढ़ रहे हैं। यह विकास भारत के सेवा निर्यात रुझानों में दिखाई देता है, जहां व्यावसायिक सेवाओं का अनुपात 2017-18 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 26 प्रतिशत हो गया है।

तकनीकी व्यवसायी, विशेष रूप से जीसीसी, कुशल पेशेवरों वाले बाजारों में ग्रेड ए ऑफिस स्पेस हासिल करने पर केंद्रित हैं।

जीसीसी लीजिंग में बेंगलुरु और हैदराबाद की संयुक्त हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है। इसके अलावा, अहमदाबाद, कोच्चि, कोयंबटूर, इंदौर और जयपुर जैसे उभरते बाजारों का उदय विकास की अगली सीमा प्रस्तुत करता है।

विदेशी टेक व्यवसायी दिल्ली एनसीआर के लिए स्पष्ट प्राथमिकता दिखाते हैं, इस क्षेत्र के कोर टेक टैलेंट, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रमुख ग्राहकों से निकटता का लाभ उठाते हैं।

घरेलू टेक फर्म एक अधिक वितरित उपस्थिति बनाए रखती हैं। दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद महत्वपूर्ण केंद्र बने हुए हैं, उनका संतुलित दृष्टिकोण डायवर्स टैलेंट कॉरिडोर तक पहुंचने की रणनीति को रेखांकित करता है। इससे उन्हें बड़े पैमाने पर संचालन का समर्थन करने और एक ही, अत्यधिक प्रतिस्पर्धी टैलेंट पूल पर अधिक निर्भरता के बिना अलग-अलग स्किल सेट्स का इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती है।

–आईएएनएस

एसकेटी/

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