रेमंड रियल्टी की शेयर लिस्टिंग कमजोर रही। रेमंड ग्रुप से अलग होने के बाद कंपनी के शेयर 1 जुलाई को एनएसई पर 1,000 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर लिस्ट हुए। यह इसकी डिस्कवरी कीमत 1,039 रुपये से करीब 3.78% कम है। वहीं, बीएसई पर कंपनी की लिस्टिंग कीमत 1,005 रुपये रही, जो इसकी डिस्कवरी कीमत 1,031.30 रुपये से करीब 2.5% की गिरावट दर्शाती है।
रेमंड रियल्टी का 1 मई, 2025 को 1:1 के अनुपात में शेयर आवंटित करके अलग किया गया। यानी, रिकॉर्ड तिथि तक जिन निवेशकों के पास रेमंड का एक शेयर था, उन्हें रेमंड रियल्टी का एक शेयर मिला।
यह अलग होना रेमंड ग्रुप के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में घोषित ‘रेमंड 2.0’ रणनीति का हिस्सा है। इस रणनीति के तहत कंपनी अपने विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों, परिधान, रियल एस्टेट और इंजीनियरिंग को अलग-अलग सूचीबद्ध करके शेयरधारक मूल्य बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
वेंचुरा की रिपोर्ट में उम्मीदें ब्रोकरेज फर्म वेंचुरा ने रेमंड रियल्टी पर ₹1,383 का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया है, जो मौजूदा कीमत से लगभग 38% अधिक है। वेंचुरा का मानना है, “डीमर्जर के बाद कंपनी की स्पष्ट रियल एस्टेट रणनीति इसे सतत विकास के अवसर प्रदान करेगी, जिससे शेयरधारकों के लिए मूल्य अनलॉक होगा।”
बता दें कि इससे पहले रेमंड लाइफस्टाइल को भी सफलतापूर्वक डीमर्जर करके अलग से सूचीबद्ध किया गया था।
हालांकि लिस्टिंग कमजोर रही, ब्रोकरेज हाउस कंपनी की भविष्य की रणनीति और रियल एस्टेट सेक्टर में इसके फोकस को लेकर आशावादी हैं। निवेशक अब कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन और वित्त वर्ष 26 तक के लक्ष्य मूल्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे।