भारत की अग्रणी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह है 20 करोड़ डॉलर (करीब 1728 करोड़ रुपये) का बैंक लोन लेने की उसकी योजना। कंपनी बोइंग-777 विमानों का बेड़ा खरीदने के लिए यह भारी-भरकम लोन लेना चाहती है। इस सौदे को लेकर विमानन उद्योग में काफी हलचल है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह महज एक सामान्य लोन है या इसके पीछे कोई बड़ी रणनीतिक योजना छिपी है?
सूत्रों के अनुसार, एआई फ्लीट सर्विसेज आईएफएससी लिमिटेड (जो कि गिफ्ट सिटी में एयर इंडिया की पंजीकृत सहायक कंपनी है) इस लोन की मुख्य उधारकर्ता कंपनी है। यह इकाई विमानों की खरीद और लीजिंग का काम संभालती है। एयर इंडिया, जो अब टाटा समूह के अधीन है, वर्तमान में दो ब्रांडों – एयर इंडिया (पूर्ण-सेवा) और एयर इंडिया एक्सप्रेस (कम-लागत) के माध्यम से संचालित होती है।
इस फंडिंग को लेकर बातचीत इस साल की शुरुआत में शुरू हुई थी, लेकिन अहमदाबाद में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, कुछ समय के लिए चर्चा धीमी पड़ गई थी। अब एक बार फिर इस सौदे को लेकर बातचीत तेज़ हो गई है, हालाँकि अंतिम फ़ैसले में बदलाव की संभावना है।
बोइंग 777 विमान
ख़ास बात यह है कि ख़रीदे जाने वाले बोइंग 777 विमान पहले से ही एयर इंडिया के बेड़े में मौजूद हैं और परिचालन में हैं। ये विमान 11 से 13 साल पुराने हैं और मुख्य रूप से भारत-अमेरिका रूट पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि नए विमानों की डिलीवरी में देरी और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के चलते एयर इंडिया इन विमानों को पूरी तरह से ख़रीदने की योजना बना रही है ताकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में कोई रुकावट न आए।
570 नए विमानों का ऑर्डर
टाटा समूह के अधिग्रहण के बाद से, एयर इंडिया ने एयरबस और बोइंग से 570 नए विमानों का ऑर्डर दिया है, लेकिन इनकी डिलीवरी में समय लग सकता है। इसलिए, कंपनी का यह कदम अस्थायी रूप से परिचालन ज़रूरतों को पूरा करने और भविष्य की मज़बूती के लिए अहम माना जा रहा है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, इस ऋण को SOFR (सिक्योर्ड ओवरनाइट फ़ाइनेंसिंग रेट) जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों से जोड़ा जा सकता है, जिससे इसकी ब्याज दरें तय होंगी।