भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज़ अपने रोमांचक मुकाबलों और मैदान पर गरमागरम माहौल के लिए सुर्खियाँ बटोर रही है। खासकर तीसरे टेस्ट मैच के दौरान, भारतीय बल्लेबाज़ शुभमन गिल और इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ जैक क्रॉली के बीच हुई तीखी बहस ने क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान खींचा। इस घटना ने न सिर्फ़ मैदान पर तनाव पैदा किया, बल्कि खेल भावना पर भी सवाल खड़े कर दिए। चौथे टेस्ट से पहले, शुभमन गिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी और इंग्लैंड टीम पर गंभीर आरोप लगाए।
शुभमन गिल ने इंग्लैंड पर लगाए गंभीर आरोप
लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन के खेल के अंत में, शुभमन गिल और जैक क्रॉली के बीच बहस देखने को मिली। जैक क्रॉली समय बर्बाद करने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद शुभमन गिल भड़क गए। लेकिन चौथे टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने खुलासा किया कि इंग्लैंड ने न सिर्फ़ बल्लेबाज़ी करते हुए, बल्कि पारी की शुरुआत करते हुए भी समय बर्बाद किया। गिल के मुताबिक़, इंग्लैंड की टीम को खेलने के लिए 7 मिनट का समय दिया गया था, लेकिन वह मैदान पर 90 सेकंड देरी से पहुँची। इसके बाद, उसने मैदान पर भी समय बर्बाद किया।
इस झगड़े की वजह
शुभमन गिल ने कहा, ‘इंग्लैंड के बल्लेबाजों के पास खेलने के लिए 7 मिनट थे। वे 90 मिनट देरी से आए। 10-20 नहीं, बल्कि ठीक 90 सेकंड देरी से। अगर हम उनकी जगह होते, तो हम भी यही करना चाहते, लेकिन ऐसी चीज़ें करने का भी एक तरीका होता है। मुझे नहीं लगता कि यह खेल भावना के अनुरूप था। हमारा ऐसा (विवाद) करने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन कभी-कभी भावनाएँ बाहर आ जाती हैं।’
शुभमन गिल के इस बयान ने एक बार फिर क्रिकेट में खेल भावना पर बहस छेड़ दी है। क्रिकेट को हमेशा से सज्जनों का खेल माना जाता रहा है, जहाँ खिलाड़ियों से न सिर्फ़ अपनी प्रतिभा दिखाने की, बल्कि खेल के नियमों और नैतिकता का भी सम्मान करने की उम्मीद की जाती है। लेकिन जानबूझकर समय बर्बाद करना एक गंभीर आरोप है, जिससे पता चलता है कि दोनों टीमों के बीच की लड़ाई अब सिर्फ़ स्कोरबोर्ड तक सीमित नहीं रही, बल्कि मानसिक दबाव और रणनीति का भी खेल बन गई है।