टाटा समूह की प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को बड़े वित्तीय झटके का सामना करना पड़ा। मंगलवार सुबह शेयर बाजार खुलते ही कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। महज 15 मिनट में निवेशकों के 6,550 करोड़ रुपये डूब गए। यह गिरावट सोमवार को आए उस झटके के बाद देखी गई, जब कंपनी के शेयरों में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
बाजार पूंजीकरण में गिरावट
मंगलवार को शुरुआती कारोबार में ही टीसीएस का मार्केट कैप 11.07 लाख करोड़ रुपये तक गिर गया। इस घटना ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि टीसीएस भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है और उसके शेयर में गिरावट आईटी सेक्टर की स्थिति को लेकर नए सवाल खड़े कर रही है।
12,000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान
टीसीएस ने हाल ही में ऐलान किया है कि वह अगले एक साल में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगा। यह छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी। कंपनी ने इसे बदलते कारोबारी हालातों के अनुसार खुद को ढालने की रणनीति का हिस्सा बताया है। कंपनी का कहना है कि इस छंटनी से ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रभावित कर्मचारियों को नोटिस पीरियड की पूरी सैलरी, अतिरिक्त एग्जिट बेनिफिट्स, बढ़ा हुआ बीमा, काउंसलिंग, करियर सपोर्ट और ट्रांजिशन में मदद दी जाएगी।
‘बेंच पॉलिसी’ पर कानूनी विवाद
टीसीएस हाल ही में लागू की गई अपनी नई ‘बेंच पॉलिसी’ को लेकर भी विवादों में है। इस पॉलिसी के अनुसार, जिन कर्मचारियों को किसी प्रोजेक्ट पर असाइन नहीं किया गया है, वे साल में अधिकतम 35 दिन ही बेंच पर रह सकते हैं। इसके बाद उनका परफॉर्मेंस रिव्यू किया जाएगा। साथ ही कर्मचारियों के लिए 225 बिल योग्य (billable) दिनों का टारगेट तय किया गया है। इस नीति को लेकर कई कर्मचारियों ने कानूनी कदम उठाए हैं।
आईटी सेक्टर में भर्ती की रफ्तार धीमी
यह संकट सिर्फ टीसीएस तक सीमित नहीं है। पूरे आईटी सेक्टर में भर्ती की रफ्तार में भारी गिरावट देखी जा रही है। द इकोनॉमिक टाइम्स के आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष 6 भारतीय आईटी कंपनियों की अप्रैल-जून तिमाही में भर्ती 72% तक गिर गई। इन कंपनियों ने इस तिमाही में सिर्फ 3,847 लोगों की भर्ती की, जबकि पिछले तिमाही में यह संख्या 13,935 थी।
निवेशकों में चिंता
विशेषज्ञों का कहना है कि छंटनी, नई पॉलिसी और भर्ती में गिरावट से निवेशकों में कंपनी की ग्रोथ को लेकर अनिश्चितता पैदा हुई है। अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो आने वाले समय में टीसीएस के शेयरों में और गिरावट देखी जा सकती है। टीसीएस का छंटनी का फैसला और उसके बाद आई शेयर बाजार में गिरावट ने आईटी सेक्टर की चुनौतियों को सामने ला दिया है। निवेशक और कर्मचारी दोनों ही कंपनी के भविष्य को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं।