फेसबुक की मूल कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग पिछले कुछ समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर काफी ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए वह अपनी नई सुपर इंटेलिजेंस लैब में शीर्ष प्रतिभाओं को लाने के लिए बड़े-बड़े जॉब ऑफर दे रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद, इस कोशिश को तब बड़ा झटका लगा जब थिंकिंग मशीन्स लैब की पूरी टीम ने मेटा के बड़े ऑफर ठुकरा दिए। जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि थिंकिंग मशीन्स लैब एक अमेरिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप है, जिसका संचालन ओपनएआई की पूर्व मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी मीरा मुराती करती हैं।
एक ने भी ऑफर स्वीकार नहीं किया
वायर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, ओपनएआई की पूर्व मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी मीरा मुराती अब थिंकिंग मशीन्स लैब की संस्थापक हैं। उन्होंने बताया है कि उनकी टीम को अब तक 20 करोड़ डॉलर से लेकर 1 अरब डॉलर तक के जॉब ऑफर मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी टीम में से किसी ने भी मेटा का ऑफर स्वीकार नहीं किया है।
मेटा की संचार निदेशक ने जताई आपत्ति
मीरा का कहना है कि उनकी टीम पैसों से ज़्यादा आज़ादी और अपनी शर्तों पर एआई के भविष्य को आकार देने को महत्व देती है। यही वजह है कि कोई भी शोधकर्ता मेटा जैसे बड़े कॉर्पोरेट ढांचे में काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ। हालाँकि, दूसरी ओर, मेटा के संचार निदेशक एंडी स्टोन ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हमने कुछ ही लोगों को ऑफर दिए थे और बड़े ऑफर का विवरण भी ठीक से नहीं दिया गया था।
कंपनी ने जुटाई 1 अरब डॉलर की फंडिंग
बड़े ऑफर ठुकराने के बाद, थिंकिंग मशीन्स लैब ने बिना कोई उत्पाद लॉन्च किए 1 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर फंडिंग जुटा ली है। वहीं, कुछ उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि मीरा मुराती के नेतृत्व और सोच की वजह से उनकी टीम एकजुट होकर काम कर रही है।