डिजिटल इंडिया के इस दौर में साइबर अपराध के मामलों में तेज़ी से उछाल देखने को मिल रहा है। गृह मंत्रालय ने संसद में पेश आंकड़ों से साफ़ कर दिया है कि साइबर अपराधों का ग्राफ आसमान छू रहा है। पिछले चार सालों में ऑनलाइन धोखाधड़ी, डिजिटल गिरफ्तारी, सेक्सटॉर्शन और साइबर अटैक जैसे मामलों में 401 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। साल 2021 में लगभग 4.5 लाख साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए।
साल 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 22 लाख से ज़्यादा हो गया है। यानी साइबर अपराध के मामलों में चार गुना से ज़्यादा का उछाल आया है। यह आंकड़ा यहीं नहीं रुका। साल 2025 की आधी अवधि के अंत तक 30 जून तक 12 लाख से ज़्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं, जो 2021 और 2022 के वार्षिक आंकड़ों को भी पार कर गए हैं। साइबर अपराध के मामलों के मामले में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य हैं।
इस साल अब तक महाराष्ट्र में 1.6 लाख मामले दर्ज हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश 1.4 लाख के साथ दूसरे और कर्नाटक 1 लाख के साथ तीसरे स्थान पर है। पिछले तीन सालों से ये तीनों राज्य सबसे ज़्यादा साइबर अपराध झेल रहे हैं। पिछले चार सालों में गुजरात, ओडिशा और कर्नाटक में सबसे ज़्यादा उछाल आया है। गुजरात में 824 प्रतिशत, ओडिशा में 783 प्रतिशत और कर्नाटक में 763 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बच्चों पर मंडरा रहा है सबसे बड़ा खतरा
साइबर अपराध के सबसे बड़े शिकार बच्चे हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2018 से 2022 के बीच बाल पोर्नोग्राफी के तीन हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। 18 साल से कम उम्र के बच्चों के ख़िलाफ़ स्टॉकिंग के 500 मामले सामने आए हैं। इन मामलों की गति लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2021 में बच्चों के ख़िलाफ़ ऑनलाइन अपराधों में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2022 में यह आँकड़ा 32.5 प्रतिशत तक पहुँच गया।
बाल पोर्नोग्राफी शेयर की जा रही थी
इनमें सोशल मीडिया, चैट रूम और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े अपराध प्रमुख थे। पिछले साल इंडिया टुडे की OSINT टीम ने ऐसे टेलीग्राम चैनलों का पर्दाफ़ाश किया था, जो बड़े पैमाने पर चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी शेयर कर रहे थे। इसके बाद, टेलीग्राम को इन अकाउंट्स को हटाने पर मजबूर होना पड़ा।
भारत में हर मिनट 761 साइबर हमले
देश का सुरक्षा ढांचा भी लगातार साइबर हमलों की चपेट में है। भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद (DSCI) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत में हर मिनट औसतन 761 साइबर हमले के प्रयास किए गए। इनमें सबसे ज़्यादा साइबर हमले स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य और बैंकिंग क्षेत्रों पर हुए हैं।
पहलगाम हमले के बाद साइबर हमले
पहलगाम आतंकी हमले के बाद वर्ष 2025 में भारत में सबसे ज़्यादा साइबर हमले हुए हैं। इस दौरान 15 लाख से ज़्यादा साइबर हमले हुए। इनमें सबसे ज़्यादा निशाना देश के रक्षा, बिजली, दूरसंचार, वित्त और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे थे। जाँच एजेंसियों के अनुसार, ये हमले पाकिस्तान और उसके सहयोगी हैकिंग समूहों द्वारा सुनियोजित तरीके से किए गए थे।
डिजिटल अपराध का यह नया चेहरा है
इन आंकड़ों से साफ़ है कि भारत अब साइबर अपराध के सबसे ख़तरनाक दौर में प्रवेश कर चुका है। एक ओर जहाँ धोखाधड़ी और यौन शोषण जैसे अपराध आम लोगों को प्रभावित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विदेशी हैकिंग नेटवर्क देश की सामरिक सुरक्षा को निशाना बना रहे हैं।