भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) आज रेपो रेट को लेकर एक बड़ा फैसला लेने जा रहा है। 6 अगस्त को रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) अपनी तीसरी बैठक के बाद फैसलों की घोषणा करेगी। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा सुबह 10 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे जिसमें यह खुलासा होगा कि रेपो रेट में कोई बदलाव होगा या नहीं। इससे यह तय होगा कि आपकी EMI सस्ती होगी या नहीं। अगर आप नया घर खरीदने की सोच रहे हैं, कार लोन लेने की योजना बना रहे हैं या बच्चों की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं, तो आज की सुबह आपके लिए बेहद अहम है।
EMI पर राहत मिलेगी या नहीं?
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा सुबह 10 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए यह स्पष्ट करेंगे कि EMI पर राहत मिलेगी या नहीं। अगर रेपो रेट में कटौती होती है, तो होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन, सभी सस्ते हो सकते हैं। इसलिए आज की तारीख़ सिर्फ़ बैंकिंग सेक्टर के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस आम आदमी के लिए भी अहम है जो अपने खर्चों को लेकर योजना बना रहा है।
फिलहाल बदलाव की उम्मीद कम है, लेकिन राहत की गुंजाइश है
ज़्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई फिलहाल रेपो रेट को 5.50% पर ही रखेगा। यह वही दर है जिस पर पिछली बैठक में 50 आधार अंकों की कटौती की गई थी। इस साल फरवरी से जून तक आरबीआई ने तीन बार रेपो रेट में कटौती की है और अब तक कुल 1% की राहत दी गई है। ऐसे में अब संभावना है कि आरबीआई कुछ समय तक इंतज़ार करो और देखो की रणनीति अपनाएगा।
अमेरिकी टैरिफ से बढ़ा दबाव, आरबीआई ले सकता है यह फैसला
हाल ही में अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे निर्यात प्रभावित हो सकता है और देश की जीडीपी पर भी हल्का दबाव पड़ने की आशंका है। इसलिए आरबीआई अभी किसी जल्दबाजी में नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई अपनी नीति को “तटस्थ” रखेगा, लेकिन उसका रुख थोड़ा नरम रह सकता है ताकि ज़रूरत पड़ने पर और राहत दी जा सके। रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को 4% के आसपास रखने की ज़िम्मेदारी दी गई है। अच्छी बात यह है कि फरवरी से मुद्रास्फीति दर 4% से नीचे बनी हुई है।
क्या त्योहारी सीज़न से पहले राहत मिलेगी?
हालांकि, आरबीआई यह देखने के मूड में है कि आने वाले महीनों में यह रुझान जारी रहता है या नहीं। इसलिए, विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई इस बार दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा, लेकिन आगामी त्योहारी सीज़न से पहले राहत दी जा सकती है।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा
एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आरबीआई इस बार रेपो रेट में 0.25% की कटौती करता है, तो इसका सीधा फायदा लोन की मांग में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिलेगा। अगर त्योहारों से पहले ब्याज दरें घटती हैं, तो क्रेडिट ग्रोथ यानी कर्ज लेने की रफ्तार बढ़ सकती है। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
क्या आरबीआई जीडीपी और मुद्रास्फीति के अनुमान में बदलाव करेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार आरबीआई सीपीआई यानी मुद्रास्फीति के अनुमान में थोड़ी यानी लगभग 20 से 30 आधार अंकों की कमी कर सकता है। लेकिन जीडीपी विकास दर का अनुमान फिलहाल 6.4% से 6.6% के बीच रहने की संभावना है। इसका मतलब है कि आरबीआई फिलहाल अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और जल्दबाज़ी में कोई बड़ा कदम नहीं उठाना चाहता।