हफ्ते के पहले दिन बाजार सपाट कारोबार कर रहा है। निफ्टी मामूली बढ़त के साथ 24450 के करीब दिख रहा है। बैंक निफ्टी आज बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। मिडकैप और स्मॉलकैप भी सपाट दिख रहे हैं। वहीं, INDIA VIX 5% से ज़्यादा उछला। सरकारी बैंकों में आज जोरदार खरीदारी देखने को मिल रही है। निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स करीब 1.5 फीसदी उछला है।
पहली वजह- वैल्यू खरीदारी बताई जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी और पिछले छह हफ्तों की बिकवाली के बाद वैल्यू खरीदारी देखने को मिली। 25% अतिरिक्त टैरिफ (रूस से तेल खरीदने पर) 28 अगस्त से लागू होगा। तकनीकी चार्ट पर, निफ्टी लगातार 6 हफ्तों से लाल कैंडल बना हुआ है – 24,200-24,000 के अहम सपोर्ट ज़ोन के पास। अगर इस स्तर से कोई उलटफेर होता है, तो खरीदारी का एक मजबूत मौका बन सकता है। ऊपर की ओर पहला प्रतिरोध 24,590 पर है, जिसके बाद 25,000-25,250 के लक्ष्य हैं।
चीन के साथ संबंधों में नरमी – भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण संयुक्त उद्यमों के लिए रास्ता आसान
भारत और चीन के बीच हाल ही में राजनयिक तनाव कम होने से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों और चीनी कंपोनेंट आपूर्तिकर्ताओं के बीच संयुक्त उद्यम (जेवी) बनाने का रास्ता आसान हो सकता है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इससे देश में स्थानीय विनिर्माण को, खासकर पीसीबी, डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा सब-असेंबली और बैटरी जैसे क्षेत्रों में, नई गति मिलेगी।
क्या बदल रहा है?
2020 की एफडीआई नीति के तहत, पड़ोसी देशों से निवेश के लिए सरकारी मंजूरी आवश्यक है, लेकिन अब माहौल बेहतर है। कई ईएमएस (इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा) कंपनियों ने सरकार को संयुक्त उद्यम और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रस्ताव भेजे हैं। सरकार चाहती है कि कोई भी चीनी निवेश प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ आए।
उद्योग के संकेत
अंबर एंटरप्राइजेज के सीईओ जसबीर सिंह के अनुसार, सरफेस-माउंट तकनीक जैसे क्षेत्रों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं और व्यवस्था धीरे-धीरे खुल रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का मानना है कि भारत की विनिर्माण महत्वाकांक्षाओं और नई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) की सफलता के लिए कुछ चीनी निवेश महत्वपूर्ण हैं। नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि चीनी कंपनियों को बिना किसी अतिरिक्त जाँच के 24% तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी जाए।
बड़ी तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी इस महीने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए 7 साल बाद बीजिंग जा सकते हैं। हाल ही में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बैठक के बाद संबंधों में सकारात्मकता आई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दुनिया का 60% इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण चीन में होता है, इसलिए स्थानीय क्षमता निर्माण के लिए चीन को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
कौन से संयुक्त उद्यम पाइपलाइन में हैं?
डिक्सन टेक्नोलॉजीज और भगवती (माइक्रोमैक्स) के संयुक्त उद्यम प्रस्ताव अनुमोदन की प्रतीक्षा में हैं। डिक्सन को लॉन्गचीयर के साथ संयुक्त उद्यम के लिए अनुमोदन प्राप्त हो गया है (डिक्सन 74%, लॉन्गचीयर 26%)।