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भारत को ‘डेड इकॉनमी’ कहने वाले ट्रम्प को मिला करारा जवाब! S&P ने बढ़ाई भारत की रेटिंग, अब क्या कहेंगे US प्रेसिडेंट ?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत की अर्थव्यवस्था को एक मृत अर्थव्यवस्था बताया था। अब उन्हें वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी से कड़ा जवाब मिला है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को भारत की क्रेडिट रेटिंग एक पायदान बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दी। मज़बूत आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए बेहतर मौद्रिक नीति उपायों का हवाला देते हुए यह रेटिंग बढ़ाई गई है। एसएंडपी भारत की रेटिंग को सबसे निचले निवेश स्तर ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाने वाली पहली वैश्विक रेटिंग एजेंसी है। एसएंडपी ने एक बयान में कहा, “भारत राजकोषीय मज़बूती को प्राथमिकता दे रहा है। यह मज़बूत बुनियादी ढाँचे के निर्माण के अभियान को जारी रखते हुए स्थायी सार्वजनिक वित्त प्रदान करने की सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

एसएंडपी एक अमेरिकी रेटिंग एजेंसी है

बयान के अनुसार, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक ‘सॉवरेन’ क्रेडिट रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाकर ‘बीबीबी’ और अल्पकालिक रेटिंग को ‘ए-3’ से बढ़ाकर ‘ए-2’ कर दिया है। अमेरिकी एजेंसी ने एक बयान में कहा कि दीर्घकालिक रेटिंग परिदृश्य स्थिर है। एसएंडपी ने कहा, “हमारा मानना है कि अमेरिकी टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव प्रबंधनीय सीमा के भीतर रहेगा। भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है और इसकी लगभग 60 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है।” बयान के अनुसार, हालाँकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, फिर भी 50 प्रतिशत शुल्क (यदि लगाया जाता है) का विकास पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है।

19 वर्षों के बाद रेटिंग में सुधार

रेटिंग एजेंसी ने 19 वर्षों के बाद भारत की रेटिंग बढ़ाई है, जिसमें मजबूत आर्थिक विकास, राजकोषीय समेकन के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए बेहतर मौद्रिक नीति उपायों का हवाला दिया गया है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा, “भारत दुनिया की सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पिछले पाँच-छह वर्षों में सरकारी खर्च की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।” एसएंडपी ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव प्रबंधनीय सीमा के भीतर रहेगा। यदि भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है, तो इसका विकास पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है। एजेंसी ने कहा, “भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है और इसकी लगभग 60 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है।” अमेरिकी एजेंसी की रेटिंग में यह सुधार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ कहे जाने के कुछ दिनों बाद आया है।

ट्रंप ने लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ
ट्रंप ने 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर अब तक का सबसे अधिक 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। ऋण में सुधार से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारतीय कंपनियों के लिए ऋण की लागत कम होगी। एसएंडपी ने जनवरी 2007 में भारत को सबसे निचले निवेश स्तर की रेटिंग ‘बीबीबी-‘ दी थी। यह किसी भी वैश्विक रेटिंग एजेंसी द्वारा ऋण में पहला सुधार है जिसमें भारत को सबसे निचले निवेश स्तर से एक पायदान ऊपर की रेटिंग दी गई है। ‘बीबीबी’ एक निवेश स्तर की रेटिंग है और यह देश की अपने ऋण दायित्वों को आसानी से चुकाने की बेहतर क्षमता को दर्शाती है। एसएंडपी ने पिछले साल मई में भारत के क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को ‘स्थिर’ से ‘सकारात्मक’ कर दिया था। साथ ही संकेत दिया था कि अगले 24 महीनों में रेटिंग में सुधार हो सकता है।

कोरोना के बाद शानदार प्रदर्शन

एसएंडपी ने कहा, “महामारी के निचले स्तर से भारत की रिकवरी इसे दुनिया की सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाती है। आर्थिक विस्तार अच्छी गति से और अधिक टिकाऊ स्तर की ओर बढ़ रहा है और स्थिति सामान्य हो रही है। हमारा अनुमान है कि उपभोक्ता और सार्वजनिक निवेश की मजबूती वित्त वर्ष 2025-26 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि को 6.5 प्रतिशत और अगले तीन वर्षों में औसतन 6.8 प्रतिशत तक ले जाएगी।”

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