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‘धोनी ने टीम से बाहर किया, मैं संन्यास लेना चाहता था…’ सालों बाद सहवाग ने किया सनसनीखेज खुलासा, इस क्रिकेटर ने रोका फैसला

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वीरेंद्र सहवाग की गिनती भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में होती है। सहवाग ने अपने करियर के दौरान तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी की। टेस्ट में सहवाग का स्ट्राइक रेट 82.23 रहा, जबकि वनडे में वीरू ने 104.33 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। 2011 के वनडे विश्व कप में भारतीय टीम की खिताबी जीत में सहवाग ने अहम भूमिका निभाई थी।

वीरेंद्र सहवाग ने अब एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। सहवाग ने कहा कि वह सचिन तेंदुलकर की एक सलाह की वजह से ही 2011 के वनडे विश्व कप में हिस्सा ले पाए थे। सहवाग ने बताया कि 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने संन्यास लेने का मन बना लिया था।वीरेंद्र सहवाग ने कमेंटेटर पद्मजीत सहवाग के यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘मैंने 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के शुरुआती तीन मैच खेले और फिर एमएस धोनी ने मुझे टीम से बाहर कर दिया। इसके बाद, कुछ समय तक मेरा टीम में चयन नहीं हुआ। फिर मुझे लगा कि अगर मैं प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन सकता, तो वनडे क्रिकेट खेलने का कोई मतलब नहीं है।

सचिन तेंदुलकर ने सहवाग से क्या कहा?
वीरेंद्र सहवाग कहते हैं, ‘फिर मैं सचिन तेंदुलकर के पास गया और उनसे कहा कि मैं वनडे से संन्यास लेना चाहता हूँ। सचिन ने कहा कि उन्होंने भी 1999-2000 में ऐसा ही दौर देखा था और वह भी संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन वह दौर बीत चुका है। सचिन ने मुझसे कहा कि भावुक होकर कोई बड़ा फैसला मत लो, 1-2 सीरीज़ के लिए समय दो और फिर सोचो।’वीरेंद्र सहवाग का 2008 की त्रिकोणीय सीरीज़ में प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था और उन्होंने पाँच मैचों में 81 रन बनाए थे। वहीं, गौतम गंभीर ने 55 की औसत से 440 रन बनाए थे और वह उस सीरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। सचिन तेंदुलकर ने 10 पारियों में 44.33 की औसत से 399 रन बनाए और दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। भारतीय टीम ने वह सीरीज़ जीत ली।

देखा जाए तो सचिन तेंदुलकर की सलाह वीरेंद्र सहवाग के बहुत काम आई। सहवाग ने ज़ोरदार वापसी की और अगली सीरीज़ में खूब रन बनाए। वह फिर से टीम के उप-कप्तान भी बने। सहवाग 2012 तक एमएस धोनी की कप्तानी वाली टीम के अहम सदस्य रहे। सहवाग ने भारतीय टीम के लिए अपना आखिरी मैच मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद में खेला था, जो एक टेस्ट मैच था। 20 अक्टूबर 2015 को अपने जन्मदिन पर सहवाग ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।

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