भारतीय क्रिकेट के लिए आने वाले 12 महीने बेहद अहम रहने वाले हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है कि भारत टी-20 विश्व कप 2026 की मेजबानी करेगा। इस बड़े टूर्नामेंट से पहले टीम इंडिया को लगातार 5 बड़ी सीरीज खेलनी हैं, जो न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए तैयारी का बेहतरीन मौका होंगी बल्कि टीम संयोजन (Team Combination) को समझने में भी अहम साबित होंगी।
एशिया कप 2025 से होगी शुरुआत
फिलहाल भारतीय टीम की नज़रें एशिया कप 2025 पर टिकी हुई हैं, जो 9 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में खेला जाएगा। यह टूर्नामेंट भारत के लिए बैटिंग और बॉलिंग कॉम्बिनेशन को परखने का सही मंच साबित होगा। हालांकि, बीसीसीआई (BCCI) ने अभी तक इस टूर्नामेंट के लिए आधिकारिक स्क्वाड का ऐलान नहीं किया है।
वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज
एशिया कप के बाद टीम इंडिया घरेलू सरजमीं पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। यह सीरीज भारतीय टेस्ट खिलाड़ियों के लिए लंबे फॉर्मेट में अपनी तैयारी को मजबूत करने का अवसर होगी। खासतौर पर घरेलू पिचों पर बल्लेबाजों और स्पिनरों के प्रदर्शन पर सबकी नज़रें होंगी।
ऑस्ट्रेलिया दौरा – वनडे और टी-20 का असली इम्तिहान
भारत का अगला बड़ा चैलेंज होगा ऑस्ट्रेलिया दौरा। यहां भारतीय टीम को 3 मैचों की वनडे सीरीज और उसके बाद 5 मैचों की टी-20 सीरीज खेलनी है। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ उनकी सरजमीं पर खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। यह सीरीज भारत के लिए खासतौर पर महत्वपूर्ण होगी क्योंकि टी-20 वर्ल्ड कप से पहले टीम को अपने स्क्वाड की मजबूती और कमजोरियों को परखने का अवसर मिलेगा।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ बहुआयामी सीरीज
इसके बाद भारत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ भिड़ना है। इस दौरे में 2 टेस्ट, 3 वनडे और 5 टी-20 मैच खेले जाएंगे। अफ्रीकी सरजमीं पर हमेशा से ही बल्लेबाजों और तेज गेंदबाजों की असली परीक्षा होती है। यह सीरीज भारतीय खिलाड़ियों की फिटनेस, मानसिक मजबूती और रणनीति की असली परीक्षा होगी।
वर्ल्ड कप 2026 से पहले टीम का रोडमैप
टी-20 विश्व कप 2026 से पहले भारत की यह व्यस्त शेड्यूल बताता है कि टीम को कई कठिन चुनौतियों से गुजरना होगा। कप्तान, चयनकर्ता और कोचिंग स्टाफ को हर सीरीज में प्रयोग कर सही संयोजन खोजना होगा। खासतौर पर टी-20 प्रारूप में नए खिलाड़ियों को मौका देना और अनुभवी खिलाड़ियों को लय में लाना टीम मैनेजमेंट की प्राथमिकता होगी।