नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर लगातार स्क्रॉल करते-करते बिताए गए घंटे भी एक दिन आपकी नौकरी बन सकते हैं? अब तक जिसे समय की बर्बादी कहा जाता था, वही आजकल एक वैध करियर विकल्प बनता जा रहा है। इसे कहते हैं ‘डूमस्क्रोलिंग जॉब’, और इस ट्रेंड को चर्चा में लाया है Monk Entertainment के को-फाउंडर और सीईओ विराज शेट ने। विराज शेट ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर कर बताया कि उनकी कंपनी अब ‘डूम-स्क्रोलर्स’ को हायर कर रही है। जी हां, जिस आदत को अक्सर मानसिक स्वास्थ्य और नींद खराब करने वाली बताया जाता है, वही अब नौकरी का नया शीर्षक बन चुकी है।
क्या है डूमस्क्रोलिंग?
डूमस्क्रोलिंग शब्द 2020 में कोविड-19 महामारी के समय वैश्विक शब्दकोश में चर्चा में आया और साल 2023 में इसे आधिकारिक रूप से डिक्शनरी में शामिल कर लिया गया। इसका मतलब है – लगातार सोशल मीडिया या न्यूज एप्लिकेशन पर नकारात्मक खबरें, अपडेट्स और नई पोस्ट स्क्रॉल करते रहना। कई बार यह प्रक्रिया घंटों तक चलती है और व्यक्ति को इसका एहसास भी नहीं होता। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार डूमस्क्रोलिंग से मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है – जैसे चिंता (Anxiety), अवसाद (Depression), नींद की कमी (Sleep Disorders) और ध्यान की समस्या। लेकिन सवाल यह है कि अगर यही काम किसी संगठन की मांग बन जाए और इसके लिए आपको वेतन भी मिले, तो क्या इसे अब भी “खराब आदत” कहा जाएगा?
विराज शेट का अनोखा जॉब पोस्ट
Monk Entertainment के को-फाउंडर विराज शेट ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा: “Hiring doom-scrollers” उन्होंने जॉब के लिए कुछ मजेदार और दिलचस्प योग्यताओं की लिस्ट भी साझा की।
योग्यता (Skills Needed):
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इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर 6 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम (स्क्रीनशॉट के साथ प्रूफ)
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क्रिएटर्स और क्रिएटर कल्चर के प्रति गहरी दिलचस्पी
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हर नए क्रिएटर के बारे में अपडेटेड रहना
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Reddit /ICG जैसे फोरम्स को अखबार की तरह पढ़ना
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अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में दक्ष होना
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Excel का इस्तेमाल करने में कोई समस्या न हो
विराज ने आगे लिखा कि जो लोग आवेदन करना चाहते हैं, वे अपनी एप्लीकेशन का टाइटल “Doomscroller” लिखें।
सोशल मीडिया संस्कृति और डूमस्क्रोलिंग
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं रह गया है, बल्कि यह पूरी इंडस्ट्री बन चुका है। क्रिएटर इकोनॉमी यानी कंटेंट क्रिएटर्स, इन्फ्लुएंसर्स और डिजिटल एजेंसियां अब अरबों डॉलर की मार्केट का हिस्सा हैं। ऐसे में, जिन लोगों को यह आदत है कि वे लगातार सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते रहते हैं, वे दरअसल नई ट्रेंडिंग खबरों, क्रिएटर्स और वायरल कंटेंट से हमेशा अपडेटेड रहते हैं। Monk Entertainment जैसी डिजिटल कंपनियों के लिए ऐसे लोग सोने की खान साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये न केवल नया कंटेंट जल्दी पकड़ सकते हैं, बल्कि क्रिएटर कल्चर और ऑडियंस के मूड को भी अच्छे से समझ सकते हैं।
डूमस्क्रोलिंग: खराब आदत या नया करियर?
जहां एक ओर विशेषज्ञ इसे मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा मानते हैं, वहीं कंपनियां इसे अवसर में बदल रही हैं। डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियों और कंटेंट कंपनियों को ऐसे लोगों की जरूरत होती है, जो दिन-रात इंटरनेट पर सक्रिय रहकर नई ट्रेंड्स, मीम कल्चर, और ऑडियंस बिहेवियर को ट्रैक कर सकें। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर इस आदत को सही दिशा और सीमाओं में ढाला जाए, तो यह नौकरी भविष्य में एक बड़ा करियर विकल्प भी बन सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य की चेतावनी
हालांकि, यह सवाल भी अहम है कि अगर कोई रोजाना 6-8 घंटे सिर्फ सोशल मीडिया पर बिताता है, तो इसके दुष्प्रभाव क्या होंगे?
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लगातार नकारात्मक खबरें पढ़ने से निराशा और तनाव बढ़ सकता है।
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देर रात तक स्क्रॉलिंग करने से नींद की समस्या हो सकती है।
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लंबे समय तक स्क्रीन पर नजरें गड़ाने से आंखों की थकान और सिरदर्द आम है।
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डिजिटल डिटॉक्स की कमी से सामाजिक जीवन पर असर पड़ता है।
इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर इसे पेशेवर जिम्मेदारी के रूप में अपनाया भी जाए, तो इसके साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य और समय प्रबंधन पर भी ध्यान देना जरूरी है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
विराज शेट के इस जॉब पोस्ट पर सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं मिलीं। कई यूजर्स ने मजाकिया अंदाज में कहा –
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“अब मां-पापा को कह सकता हूं कि मोबाइल चलाना भी नौकरी है।”
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“मेरा स्क्रीन टाइम तो 10 घंटे है, क्या मैं तुरंत जॉइन कर सकता हूं?”
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“डूमस्क्रोलिंग अब स्किल बन गई है, लगता है मैं भी प्रोफेशनल हूं।”
वहीं, कुछ लोगों ने इस पर चिंता भी जताई कि अगर ऐसी नौकरियां आम हो गईं, तो यह नई पीढ़ी के लिए मानसिक स्वास्थ्य का गंभीर खतरा भी बन सकती हैं।
Monk Entertainment और क्रिएटर इंडस्ट्री
विराज शेट और रणवीर अल्लाहबादिया (BeerBiceps) द्वारा स्थापित Monk Entertainment आज भारत की प्रमुख क्रिएटर मैनेजमेंट और डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियों में से एक है। यह कंपनी सोशल मीडिया कंटेंट, ब्रांड पार्टनरशिप, क्रिएटर मैनेजमेंट और डिजिटल कैंपेन पर काम करती है। ऐसे में, डूमस्क्रोलिंग जैसी आदत को नौकरी का हिस्सा बनाना उनकी कंपनी की क्रिएटिविटी और यूनिकनेस को भी दर्शाता है। डूमस्क्रोलिंग अब सिर्फ समय की बर्बादी या बुरी आदत नहीं रह गई है। Monk Entertainment के इस अनोखे जॉब ऑफर ने इसे एक वैध करियर विकल्प में बदल दिया है। यह सही है कि सोशल मीडिया पर घंटों स्क्रॉल करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, लेकिन जब यही आदत किसी कंपनी को फायदा पहुंचाए और व्यक्ति को आय का स्रोत दे, तो इसे डिजिटल युग की नई नौकरी कहना गलत नहीं होगा। भविष्य में हो सकता है कि “डूमस्क्रोलर” भी एक लोकप्रिय पेशा बन जाए, जैसे आज “कंटेंट क्रिएटर” और “सोशल मीडिया मैनेजर” हैं।