शम्मी कपूर और जॉनी वॉकर बॉलीवुड इंडस्ट्री के दो सबसे अच्छे दोस्त हुआ करते थे। शम्मी, गीता बाली से बेहद प्यार करते थे और उनसे शादी करना चाहते थे। गीता भी शम्मी को अपना हमसफ़र बनाना चाहती थीं। लेकिन दोनों का परिवार उनके प्यार के बीच दीवार बनकर खड़ा था। डर के मारे, शम्मी कपूर और गीता बाली चुपके से शादी करने का प्लान बनाते हैं।
शम्मी अपने दोस्त जॉनी वॉकर को इस बारे में बताते हैं और फिर जॉनी वॉकर उन्हें एक अजीबोगरीब सलाह देते हैं। हैरानी की बात यह थी कि शम्मी कपूर ने उनकी सलाह मानकर गीता बाली से शादी कर ली। आइए इसके बारे में थोड़ा और विस्तार से जानते हैं।
जॉनी वॉकर की सलाह काम आई
जॉनी वॉकर को आज भी हिंदी सिनेमा के एक मशहूर हास्य अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है। उनका असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी था और उन्होंने नूरजहाँ से शादी की थी। नूरजहाँ बॉलीवुड की एक मशहूर अभिनेत्री थीं। जॉनी की शादी के बाद, शम्मी कपूर ने अपने दोस्त से कहा कि वह गीता बाली से बेहद प्यार करते हैं और उनसे शादी करना चाहते हैं। तुम इसमें मेरी मदद करो क्योंकि परिवार हमारे रिश्ते के खिलाफ है।
तब जॉनी वॉकर ने शम्मी से कहा कि देखो भाई, मैं एक मुसलमान हूँ और मैंने मस्जिद में शादी की है। तुम अपना देख लो, मंदिर जाकर शादी कर लो, यही एक रास्ता है तुम्हारे पास। शम्मी कपूर ने जॉनी की सलाह मान ली और गीता बाली को ले गए और एक मंदिर में शादी कर ली।
शादी के समय शम्मी के पास सिंदूर नहीं था, इसलिए गीता ने अपनी लाल लिपस्टिक दी और उसे सिंदूर की तरह लगाने को कहा। इसी के साथ गीता बाली और शम्मी कपूर हमेशा के लिए एक-दूसरे के हो गए। इस तरह जॉनी वॉकर ने अपने दोस्त की शादी करवाने में अहम भूमिका निभाई। इस मामले की जानकारी क़िस्सा टीवी के फेसबुक पेज द्वारा दी गई है।
वे रात में ही मंदिर पहुँच गए थे
पोस्ट में यह भी बताया गया है कि शम्मी कपूर और गीता बाली शादी के लिए इतने उत्साहित थे कि वे रात में ही मंदिर पहुँच गए, वहाँ मौजूद पुजारी ने उनसे कहा कि रात में मंदिर बंद रहता है, आप दोनों कल सुबह आ जाना।