Home टेक्नोलॉजी ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: ड्रीम11, मायटीम11, रम्मीसर्कल समेत कई ऐप्स पर संकट

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025: ड्रीम11, मायटीम11, रम्मीसर्कल समेत कई ऐप्स पर संकट

2
0

भारत सरकार ने हाल ही में “ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन एंड रेग्युलेशन) बिल 2025” लोकसभा में पारित कर दिया है। इस बिल का उद्देश्य ऐसे रियल-मनी गेम्स (जिनमें उपयोगकर्ता नकद राशि लगाकर खेलते हैं और इनाम जीतते हैं) पर सख्त नियंत्रण या पूर्ण प्रतिबंध लगाना है। इसका असर भारत के तेज़ी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर और कई लोकप्रिय ऐप्स पर पड़ सकता है।

किन ऐप्स पर असर पड़ेगा?

इस बिल के लागू होने पर कई प्रमुख फैंटेसी स्पोर्ट्स और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म सीधे प्रभावित होंगे—

  • Dream11 – भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी क्रिकेट ऐप, जहाँ खिलाड़ी नकद इनाम के लिए टीम बनाते हैं।

  • MyTeam11 और My11Circle – ड्रीम11 की तरह ही काम करने वाले फैंटेसी प्लेटफॉर्म।

  • RummyCircle और RummyCulture (Games24x7 और GamesKraft के प्लेटफॉर्म) – ऑनलाइन रमी खेलने के लिए नकद आधारित सेवाएँ प्रदान करते हैं।

  • Junglee Rummy और Junglee Poker – कार्ड गेम और पोकर खेलने वाले ऐप्स, जिन पर भी रोक लग सकती है।

  • PokerBaazi – ऑनलाइन पोकर टूर्नामेंट्स का लोकप्रिय प्लेटफॉर्म।

  • WinZO – लूडो, क्विज़, कार्ड गेम जैसे मल्टी-गेम ऐप, जहाँ वास्तविक पैसे से खेला जाता है।

  • Howzat और SG11 Fantasy – अन्य फैंटेसी क्रिकेट ऐप्स, जो नकद प्रतियोगिताओं पर आधारित हैं।

  • Nazara Technologies – रियल-मनी गेमिंग में निवेश करने वाली कंपनी, जिसके शेयरों में पहले ही 7% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।

आर्थिक और रोजगार पर असर

भारत का रियल-मनी ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर लगभग 3.7 अरब डॉलर (करीब ₹30,000 करोड़) का है और यह पूरे ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का लगभग 86% हिस्सा है। इस सेक्टर में करीब 2 लाख लोग सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से काम करते हैं और सरकार को हर साल ₹25,000 करोड़ से ज्यादा का कर राजस्व मिलता है। बिल लागू होने से—

  • बड़े पैमाने पर रोज़गार संकट खड़ा हो सकता है।

  • सरकार का GST राजस्व लगभग ₹20,000 करोड़ तक घट सकता है।

  • कई स्टार्टअप और निवेशक अपने कारोबार के मॉडल पर पुनर्विचार करने को मजबूर हो सकते हैं।

कंपनियों और निवेशकों की चिंता

फैंटेसी स्पोर्ट्स और कार्ड गेम कंपनियाँ पहले ही सरकार से स्पष्ट परिभाषा और नियमन की मांग कर रही थीं। उनका कहना है कि यदि कौशल आधारित गेम्स (Skill-based Games) को भी जुए की श्रेणी में डाल दिया गया, तो पूरे उद्योग का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

Nazara Technologies जैसी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट बताती है कि बाज़ार भी इस कदम को लेकर चिंतित है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here