बॉलीवुड के ‘राजकुमार’, ‘किंग खान’ शाहरुख के बेटे आर्यन खान ने इस इंडस्ट्री में धमाकेदार कदम रखा है। आर्यन की नेटफ्लिक्स सीरीज़ ‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ का ट्रेलर बुधवार को रिलीज़ हो गया। बॉलीवुड के ख़ास मसाले से भरपूर इस ट्रेलर में दिखाई जा रही कहानी की झलक दर्शकों को पसंद आने लगी है। लेकिन क्या ‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ बस इतना ही है? एक मसालेदार, बॉलीवुड मसाला से भरपूर शो जो मनोरंजन का डोज़ देता है? शायद नहीं। ‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ के ट्रेलर में कई छोटी-छोटी बातें हैं, जो इशारा करती हैं कि यह शो लॉकडाउन के बाद के दौर में बॉलीवुड को मिली नफ़रत का एक व्यंग्यात्मक जवाब है। कैसे? आइए आपको बताते हैं।
भाई-भतीजावाद पर बहस और बॉलीवुड से नफ़रत
बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद का मुद्दा कोई नया नहीं है। जब से कंगना रनौत ने ‘कॉफ़ी विद करण’ में फ़िल्म निर्माता करण जौहर को ‘बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद का झंडाबरदार’ कहा है, तब से यह मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। लेकिन लॉकडाउन के बाद के दौर में सोशल मीडिया पर यह बहस एक अलग ही स्तर पर पहुँच गई थी। बॉलीवुड परिवारों से आने वाले फ़िल्मी सितारों को ज़बरदस्त ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा था।
इस पीढ़ी के सबसे सफल और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में गिने जाने वाले रणबीर कपूर और आलिया भट्ट जैसे नाम भी सोशल मीडिया की नफ़रत का शिकार हो रहे थे। युवा बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने इस मामले में आग में घी डालने का काम किया। शुरुआती रिपोर्टों में सुशांत की मौत का कारण आत्महत्या बताया गया, जिसमें उनके परिवार और प्रशंसकों को साज़िश की बू आ रही थी। सुशांत के लिए ज़ोरदार अभियान चलाया गया और सीबीआई जाँच की माँग उठाई गई। हालाँकि, इसी साल सीबीआई ने इस मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल करते हुए अदालत में कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की साज़िश के सबूत नहीं मिले हैं, यह एक आत्महत्या है।
हालाँकि, उस समय सोशल मीडिया पर यह माहौल बनाया गया था कि स्टार किड्स के सामने सुशांत को काम के कम अवसर मिलते थे, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थे। फिर चर्चा बॉलीवुड में ड्रग्स के इस्तेमाल तक भी पहुँच गई और इस मामले ने भी खूब तूल पकड़ा। बॉलीवुड के ‘बादशाह’ शाहरुख़ के बेटे आर्यन खान को भी एक क्रूज़ पार्टी में ड्रग्स के इस्तेमाल से जुड़े एक मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गिरफ़्तार किया था।
हालांकि, बाद में आर्यन पर लगे सभी आरोप झूठे पाए गए। लेकिन ऐसा होने से पहले, आर्यन का नाम भी बॉलीवुड के खिलाफ चल रहे नफ़रत भरे अभियान का हिस्सा बन गया। इस नफ़रत भरे अभियान ने इंडस्ट्री के काम करने के तरीकों, सितारों और मशहूर हस्तियों के व्यवहार और उनकी ज़िंदगी को निशाना बनाया। यही वजह है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री, शाहरुख खान और आर्यन खान के पास इस नफ़रत का जवाब देने के लिए काफ़ी कुछ है।’द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ उसी बॉलीवुड नफ़रत का जवाब लगता है, जिसे ‘मेटा’ तरीक़े से पेश किया जा रहा है। ‘मेटा’ का मतलब है शो की काल्पनिक दुनिया में चल रही कहानी में आपको असल ज़िंदगी की घटनाओं के कई संदर्भ मिलेंगे। और इसकी एक झलक शो के ट्रेलर में भी देखने को मिलती है।
करण जौहर और उनकी टी-शर्ट
‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ के ट्रेलर में करण जौहर भी एक ख़ास भूमिका में नज़र आ रहे हैं। अपने चैट शो और सार्वजनिक जीवन में शालीन और सभ्य दिखने वाले करण इस ट्रेलर में गाली-गलौज करते नज़र आ रहे हैं। यह दृश्य बॉलीवुड की नफ़रत की लहर में उनकी उस छवि पर व्यंग्य की तरह है जिसके अनुसार वे लोगों का करियर बर्बाद करते हैं और बॉलीवुड में स्टार बनाने वाले की भूमिका निभाते हैं।नफरत करने वालों का मानना है कि उन्होंने खुद कुछ नहीं किया और उन्हें सब कुछ विरासत में मिला है। ‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ में करण की यह छवि गढ़ने वालों पर तंज कसने का एक और सबूत है। करण की टी-शर्ट पर लिखा है – ‘मैंने कुछ नहीं किया, मैं बस खुशकिस्मत हूँ।’
एक बाहरी हीरो की कहानी
‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ एक गैर-बॉलीवुड पृष्ठभूमि से आए युवा अभिनेता आसमान सिंह की कहानी है जो एक हिट फिल्म देने के बाद स्टार बन गया है। लेकिन उसे इंडस्ट्री के एक सुपरस्टार अजय तलवार (बॉबी देओल) की बेटी से प्यार हो गया है। एक फिल्म की सफलता और इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाना दो अलग-अलग बातें हैं। ‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ आसमान सिंह को उसके बाद के संघर्षों में दिखाती है।
ट्रेलर में आसमान सिंह की एंट्री पर एक डायलॉग है- ‘कुछ लोग हीरो के घर में पैदा होते हैं, कुछ लोग जन्मजात हीरो होते हैं।’ यह डायलॉग जहाँ भाई-भतीजावाद की ओर ध्यान खींचता है, वहीं एक व्यंग्य भी है क्योंकि ‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ के निर्देशक आर्यन खान खुद एक हीरो के घर में पैदा हुए थे। और इस लिहाज़ से यह डायलॉग एक मेटा-रेफरेंस बन जाता है।
इंडस्ट्री से जुड़ी अफवाहों पर व्यंग्य
कई बार, सेलिब्रिटीज़ की निजी यौन पसंद और व्यवहार भी बॉलीवुड को निशाना बनाने का एक कारण बन गए हैं। इस मामले को लेकर आम जनता में भी कई तरह की भ्रांतियाँ मौजूद हैं। ‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ के ट्रेलर की शुरुआत में एक और दिलचस्प सीन है। इस सीन में आसमान का दोस्त (राघव जुयाल) उसे उसकी सफलता का जश्न मनाने के लिए पूरी अय्याशी करने को कह रहा है और यहाँ सेक्स का ज़िक्र होता है। तभी आसमान की माँ (मोना सिंह) आकर स्तब्ध रह जाती हैं। राघव उनका तनाव दूर करते हुए कहते हैं- ‘आपस में नहीं आंटी, वो अलग हैं और मैं अलग हूँ।’ यह सीन इंडस्ट्री की छवि पर एक व्यंग्य लगता है, जो गॉसिप से भरी खबरों के आधार पर आम जनता के बीच मज़ाक का कारण बन जाता है।
जेल जाने के बाद मशहूर होना
आर्यन खान की गिरफ्तारी एक बेहद चौंकाने वाली घटना थी। उनके पिता देश के चहेते सुपरस्टार हैं, दुनिया के सबसे लोकप्रिय भारतीयों में से एक। जबकि आर्यन पर लगे आरोप ड्रग्स केस से जुड़े थे। शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार का बेटा होने के नाते, लोगों ने आर्यन का नाम तो सुना ही था, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि इस केस के बाद, वे लोग भी उनमें दिलचस्पी लेने लगे, जिन्होंने शायद तब तक दिलचस्पी नहीं ली होगी। ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ के ट्रेलर का एक सीन इसी घटना के मेटा रेफरेंस के तौर पर दिख रहा है, जो लोगों को खूब हंसा रहा है। इस सीन में आसमान सिंह जेल से बाहर आ रहा है और एक पुलिसवाला उससे कह रहा है- ‘अंदर जाने के बाद लोग और मशहूर हो जाते हैं।’
ट्रेलर रिलीज़ स्टाइल
‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ का ट्रेलर लॉन्च इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि यह शो बॉलीवुड की नफ़रत पर एक करारा व्यंग्य होने वाला है। लॉन्च के समय जब लोग आर्यन के भाषण से प्रभावित हो रहे थे, तो उन्होंने ऐसा दिखावा किया जैसे उन्हें बोलने में बहुत घबराहट हो रही है और वे टेली-प्रॉम्प्टर देखकर भाषण दे रहे हैं। और अगर यह तरीका भी काम न आए, तो ‘पापा तो हैं ही…’ आर्यन के इतना कहते ही शाहरुख पलटते हैं और उनकी पीठ पर कागज़ का एक पूरा पन्ना चिपका हुआ दिखाई देता है।इशारा बस इतना था कि उस कागज़ पर आर्यन का भाषण लिखा हुआ है। ‘पापा तो हैं ही…’ वाली लाइन और ट्रेलर लॉन्च की पूरी प्रस्तुति का अंदाज़ ही बता रहा है कि यह भाई-भतीजावाद के आरोपों पर बॉलीवुड की ट्रोलिंग पर एक व्यंग्य है।
‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड’ के ट्रेलर में छिपे ये मेटा-रेफरेंस इसे दिलचस्प बना रहे हैं और कॉमेडी की वजह बन रहे हैं। ट्रेलर देखने के बाद लगता है कि 18 सितंबर को जब यह शो रिलीज़ होगा, तो इसमें बॉलीवुड की नफ़रत पर ऐसे ही मेटा-रेफरेंस और करारा व्यंग्य देखने को मिलेगा। इस ट्रेलर को देखने के बाद बॉलीवुड के प्रशंसक इस शो का और भी बेसब्री से इंतजार करेंगे।