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सस्‍ते पर्सनल लोन के चक्‍कर में कहीं करा न बैठें खुद का नुकसान, यहां समझ लीजिए Flat Interest Vs Reducing Balance में फर्क

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पर्सनल लोन को इमरजेंसी लोन भी कहा जाता है. वैसे तो आजकल आपात स्थिति में धन जुटाने के कई तरीके मौजूद हैं, लेकिन फिर भी पर्सनल लोन हर मौके पर काफी मददगार होता है। पर्सनल लोन एक असुरक्षित लोन है जिसमें ज्यादा परेशानी की जरूरत नहीं होती है। लेकिन इस लोन के बदले बैंक ग्राहक से ज्यादा ब्याज वसूलते हैं. ज्यादातर लोग जानते हैं कि पर्सनल लोन महंगे होते हैं।

इस लोन पर ब्याज दो तरह से लिया जाता है, फ्लैट ब्याज दर और घटती शेष ब्याज दर. यदि आप एक समान ब्याज दर और घटती शेष राशि के बीच अंतर नहीं जानते हैं, तो आप व्यक्तिगत ऋण सौदे को गलत समझ सकते हैं और सस्ते व्यक्तिगत ऋण के चक्र में खुद को खो सकते हैं।

रिड्यूसिंग बैलेंस इंटरेस्ट रेट के नाम से ही पता चलता है कि ग्राहक को केवल बकाया लोन राशि पर ही ब्याज देना होगा। इसका मतलब यह है कि हर महीने देय ब्याज की गणना बकाया ऋण के आधार पर की जाती है, न कि वास्तविक ऋण के आधार पर। उदाहरण के तौर पर अगर आपने पांच साल के लिए 16 फीसदी की दर पर 5 लाख रुपये का लोन लिया है तो जैसे-जैसे महीने गुजरेंगे, ईएमआई भी कम होने लगेगी.

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