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सिर्फ 15271 के निवेश को 1837520 में बदल सकते हैं Budget 2025 के ये धांसू शेयर, जानिए कैसे सरकार के लिए सबसे जरूरी बनेगें ये

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बिज़नस न्यूज़ डेस्क,जैसे-जैसे 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट की तारीख नजदीक आ रही है, रोड कंस्ट्रक्शन सेक्टर में गहमागहमी बढ़ गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर और खासकर रोड नेटवर्क के विस्तार को लेकर कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है कि PNC इंफ्राटेक, दिलीप बिल्डकॉन समेत तमाम रोड कंस्ट्रक्शन कंपनियों के शेयर फोकस में आ सकते है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस बार बजट से रोड कंस्ट्रक्शन सेक्टर को क्या उम्मीदें हैं और इसका असर किन शेयरों पर होगा।पिछले 5 सालों में भारत का रोड नेटवर्क 59% तक बढ़ चुका है। कुल नेटवर्क अब 67 लाख किलोमीटर तक पहुंच गया है। इसमें से 1.46 लाख किलोमीटर सिर्फ नेशनल हाईवेज हैं। भारत अब अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क वाला देश है। पीएम मोदी की अगुआई में अबतक लगभग सभी बजट में रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा जोर दिया गया है। हालांकि पिछले 2 सालों में सोशल वेलफेयर स्कीम से जुड़े खर्चों को प्राथमिकता देने के कारण रोड कंस्ट्रक्शन में थोड़ी सुस्ती आई है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार का बजट के वापस इस सेक्टर को फिर से बढ़ावा दिया जाएगा।

रोड कंस्ट्रक्शन सेक्टर को बजट से क्या उम्मीदें हैं?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) का बजट इस बार बढ़ सकता है। पिछले साल के बजट में सड़क परिवहन मंत्रालय को 2.72 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। हालांकि इस बार उम्मीद है कि यह राशि बढ़कर 2.85–2.9 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है। यह पिछले साल की तुलना में 5–6% अधिक है। इसके अलावा इस बार के बजट में बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मॉडल पर फिर से जोर दिया जा सकता है।

15 नए BOT प्रोजेक्ट्स की योजना बनाई जा रही है, जिनकी अनुमानित लागत 44,000 करोड़ रुपये होगी। साथ ही, भारतमाला परियोजना के अधूरे फेज-I को पूरा करने की योजना है, जिसमें अभी 4,182 किलोमीटर सड़कें बननी बाकी हैं। इस सबके बीच, NHAI का 2.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए सरकार नई असेट मोनेटाइजेशन योजनाओं का ऐलान कर सकती है।

ग्रामीण सड़कों पर ध्यान

एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि इस बार बजट में ग्रामीण सड़कों को मजबूत बनाने पर जोर दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी पहल को और गति दी जा सकती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर हो।

हालांकि रोड नेटवर्क के विस्तार में कई चुनौतियां भी हैं, जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है। चॉइस ब्रोकिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट मंदार भोजने ने कहा कि सरकार का बजट हर साल बढ़ रहा है लेकिन इसके बावजूद जमीन अधिग्रहण और प्रशासनिक बाधाओं के कारण प्रोजेक्ट्स में देरी हो सकती है। भूमि अधिग्रहण में लगने वाला समय प्रोजेक्ट्स की गति को धीमा कर सकता है। वहीं लंबी अवधि वाले प्रोजेक्ट्स में निवेशकों की रुचि बनाए रखना भी चुनौती है। उन्होंने कहा कि सरकार को इन बाधाओं को हल करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।

रोड कंस्ट्रक्शन कंपनियों का प्रदर्शन

GR इंफ्राप्रोजेक्ट्स, KNR कंस्ट्रक्शन्स, PNC इंफ्राटेक, और दिलीप बिल्डकॉन जैसी कंपनियों ने 15% से 30% CAGR का प्रदर्शन किया है। इनकी वैल्यूएशन अभी भी रेलवे सेक्टर की तुलना में आकर्षक मानी जा रही है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बजट के बाद ये कंपनियां और तेजी पकड़ सकती हैं। PNC इंफ्राटेक को सरकार की नई स्कीमों से बड़े प्रोजेक्ट्स मिलने की संभावना है। वहीं BOT मॉडल और भारतमाला परियोजना में भागीदारी के चलते दिलीप बिल्डकॉन भी निवेशकों के फोकस में है।

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