भारत ने दूरसंचार क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ पूरे देश में बीएसएनएल की 4G सेवा का शुभारंभ किया। सरकारी दूरसंचार कंपनी ने 98,000 केंद्रों पर नेटवर्क सक्रिय कर दिया है, जिससे हर राज्य में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उपलब्ध हो रही है। इस कदम के साथ, बीएसएनएल ने निजी ऑपरेटरों के बराबर, पूरे भारत में 4G कवरेज हासिल कर लिया है।
98,000 मोबाइल टावरों से नेटवर्क मजबूत
यह घोषणा ओडिशा के झारसुगुड़ा से हुई, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी ने कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। बीएसएनएल ने 26 सितंबर को अपनी 25वीं वर्षगांठ पर 98,000 4G/5G मोबाइल टावर सफलतापूर्वक स्थापित किए। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घोषणा की कि भविष्य में 1,00,000 और टावर लगाए जाएँगे, जिससे नेटवर्क और बेहतर होगा।
पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित 4G नेटवर्क
निजी कंपनियों के विपरीत, बीएसएनएल का 4G नेटवर्क पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इस सेवा में प्रयुक्त हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर भारत में ही विकसित किए गए हैं। इस उपलब्धि के साथ, भारत उन चुनिंदा पाँच देशों (स्वीडन, डेनमार्क, चीन और दक्षिण कोरिया सहित) में शामिल हो गया है जिनके पास अपना आत्मनिर्भर दूरसंचार बुनियादी ढाँचा है। सरकार ने इस परियोजना में लगभग ₹37,000 करोड़ का निवेश किया है।
उपयोगकर्ताओं के लिए लाभ और किफायती प्लान
बीएसएनएल 4जी से 9 करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों को सीधा लाभ होगा। कंपनी के रिचार्ज प्लान निजी ऑपरेटरों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत सस्ते हैं। पहले, कई उपयोगकर्ता नेटवर्क की समस्याओं के कारण निजी कंपनियों की ओर रुख करते थे, लेकिन अब बीएसएनएल तेज़ स्पीड और बेहतर कवरेज के साथ उनका विश्वास जीतने की कोशिश करेगा। इससे मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का चलन भी बढ़ सकता है।
5G और 6G के लिए रोडमैप
बीएसएनएल जल्द ही 5G सेवाएँ शुरू करने की तैयारी कर रहा है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में 5G उपलब्ध हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत 2030 तक 6G सेवाएँ शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिससे वह 6G सेवा प्राप्त करने वाले पहले देशों में से एक बन जाएगा।
टीसीएस और तेजस नेटवर्क्स की अहम भूमिका
बीएसएनएल का स्वदेशी नेटवर्क टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और तेजस नेटवर्क्स के बीच साझेदारी से संभव हुआ। टीसीएस ने नेटवर्क एकीकरण का काम संभाला, जबकि तेजस नेटवर्क्स ने रेडियो एक्सेस सिस्टम विकसित किया। इस सहयोग से बीएसएनएल को आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप एक पूर्णतः आत्मनिर्भर 4जी समाधान प्रदान करने में मदद मिली है।