हैदराबाद में आयोजित टी-चिप सेमीकॉन कॉन्स्टिट्यूशन समिट में भारत की पहली एआई चिप देखी गई। यह चिप पूरी तरह से भारतीय तकनीक से बनी है। इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है क्योंकि यह सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस चिप का निर्माण तेलंगाना में हुआ है।
आईआईटी, हैदराबाद के इनोवेटर दिनेश ने एएनआई को बताया कि यह भारत की पहली एआई चिप है, जो पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित है। यह चिप न केवल हार्डवेयर के लिए है, बल्कि इससे पूरा सॉफ्टवेयर सिस्टम भी डिज़ाइन किया गया है। यानी यह चिप सॉफ्टवेयर से लेकर हार्डवेयर तक, सब कुछ एक साथ जोड़ती है। यह चिप एआई को तेज़ी से प्रोसेस करने और उसे सुरक्षित रखने में सक्षम है।
10 से भी कम लोगों की टीम ने किया कमाल
इस चिप पर 10 से भी कम लोगों की एक छोटी सी टीम ने काम किया। दिनेश ने कहा, ‘हमें एनवीडिया या क्वालकॉम जैसी विदेशी कंपनियों पर क्यों निर्भर रहना चाहिए? हम भारत में ऐसी कंपनियां क्यों नहीं बना सकते?’ आपको बता दें कि ये दुनिया की दिग्गज कंपनियां हैं, जो कई देशों को चिप्स सप्लाई करती हैं। हालाँकि, भारत का पड़ोसी देश चीन पिछले कुछ समय से चिप के लिए खुद को तैयार कर रहा है। भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ सकता है।
सस्ते दामों पर उपलब्ध होगा AI हार्डवेयर
दिनेश का मानना है कि इस चिप के ज़रिए भारत में स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों को सस्ते दामों पर AI हार्डवेयर मिल सकेगा। उन्होंने कहा, ‘NVIDIA या Intel जैसे हार्डवेयर बहुत महंगे होते हैं, जिसकी वजह से हमारा पैसा विदेश चला जाता है। हम अपना सस्ता और बेहतर हार्डवेयर बनाकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।’ यह चिप न केवल लागत कम करेगी, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में भारत को मज़बूत भी बनाएगी।
तेलंगाना सरकार चिप निर्माण को बढ़ावा देगी
तेलंगाना सरकार भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग में अपनी भूमिका को और मज़बूत करना चाहती है। राज्य के आईटी मंत्री श्रीधर बाबू ने कहा कि तेलंगाना चिप डिज़ाइन में अपनी प्रतिभा को अब चिप निर्माण में भी ले जाना चाहता है। उनका कहना है कि तेलंगाना में पहले से ही चिप डिज़ाइन की प्रतिभा मौजूद है, अब अगला कदम चिप निर्माण शुरू करना है। मंत्री ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियाँ बनाई हैं। इनमें सब्सिडी देना भी शामिल है।