आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बाद अब सुपरइंटेलिजेंस की दौड़ शुरू हो रही है। कुछ इसे आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस कह रहे हैं, तो कुछ इसे सुपरइंटेलिजेंस। मेटा ने सुपरइंटेलिजेंस लैब्स की घोषणा की है। एमएसएल में कई बड़े नाम शामिल हो रहे हैं।इसके लिए मार्क ज़करबर्ग दूसरी कंपनियों के इंजीनियरों को भारी-भरकम पैकेज पर नियुक्त कर रहे हैं। मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब्स के लिए उन्होंने स्केल एआई के पूर्व सीईओ एलेक्ज़ेंडर वांग और गिटहब के पूर्व सीईओ नैट फ्रीडमैन को नियुक्त किया है।
ज़करबर्ग एमएसएल के लिए करोड़ों का बोनस दे रहे हैं
मार्क की नई टीम में लगभग हर बड़ी कंपनी से कोई न कोई शामिल है। ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने एक पॉडकास्ट में दावा किया है कि मेटा अपनी कंपनी के शोधकर्ताओं को 10 करोड़ डॉलर तक का साइनिंग बोनस दे रहा है। इससे आप समझ सकते हैं कि यह प्रोजेक्ट मार्क के लिए बेहद महत्वाकांक्षी है।
मेटा और पेरप्लेक्सिटी के बीच बात क्यों नहीं बन पाई? जानिए
मार्क ज़करबर्ग ने खुद मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब्स के बारे में एक मेमो लिखा है। इसमें उन्होंने बताया है कि जैसे-जैसे एआई की प्रगति तेज़ हो रही है, सुपरइंटेलिजेंस का विकास भी सामने आ रहा है। मार्क ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह मानवता के लिए एक नए युग की शुरुआत है।’
मार्क की योजना क्या है?
उन्होंने बताया कि इस पूरे संगठन को अब मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब्स (MSL) कहा जाएगा, जिसका काम कंपनी के मौजूदा मॉडलों की अगली पीढ़ी तैयार करना होगा। इस टीम का नेतृत्व एलेक्ज़ेंडर वांग करेंगे। वह इस कंपनी में मुख्य एआई अधिकारी के पद पर शामिल हुए हैं। उनके साथ नैट फ्रीडमैन भी होंगे। वह भी हाल ही में मेटा से जुड़े हैं। नैट एआई उत्पादों और अनुप्रयुक्त अनुसंधान पर काम करेंगे। इसके अलावा, मेटा की इस टीम में चैटजीपीटी, ओ4 मिनी, एंथ्रोपिक और अन्य प्रमुख एआई टीमों में काम करने वाले लोग शामिल होंगे। अब सवाल यह है कि मार्क ज़करबर्ग इन सबके साथ क्या करना चाहते हैं? मार्क ने अपने मेमो में इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि जैसे-जैसे एआई की प्रगति बढ़ रही है, लोग सुपरइंटेलिजेंस पर काम करना शुरू करेंगे। मेटा सुपरइंटेलिजेंस की दौड़ में सबसे आगे रहना चाहता है। मार्क की नई टीम कंपनी के सभी मॉडलों की अगली पीढ़ी पर काम करेगी। अपने मेमो में, मार्क ने स्मार्ट ग्लास और वियरेबल्स के बारे में बात की है। स्मार्ट ग्लास श्रेणी में मेटा किसी भी अन्य कंपनी से आगे है। कंपनी को पहले कदम रखने का फायदा मिलता दिख रहा है। ज़करबर्ग एमएसएल में भी कुछ ऐसा ही करना चाहते हैं। मार्क ज़करबर्ग सभी के लिए एक व्यक्तिगत सुपरइंटेलिजेंस बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
एजीआई तैयार किया जाएगा
सरल शब्दों में, मार्क ज़करबर्ग मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब में आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक ऐसा एआई होगा जो इंसानों की तरह सोच और समझ सकेगा। यह एआई केवल एक चैटबॉट नहीं होगा, बल्कि अपने अनुभव से सीखेगा और उसके आधार पर आपको जानकारी देगा। हो सकता है कि किसी दिन ये कंपनियां फिल्मों जैसा एआई बना दें, जो हर समय आपके साथ मौजूद रहेगा। यह एआई दुनिया भर के ज्ञान की मदद से आपका मार्गदर्शन करेगा। हमने हाल ही में मार्वल की वेब सीरीज़ आयरन हार्ट में भी ऐसा ही एआई देखा है।
इससे पहले भी आयरन मैन जैसी फिल्मों में ऐसे AI देखे जा चुके हैं, जो इशारों पर काम करते हैं। इन AI को डिस्प्ले की ज़रूरत नहीं होती और ये चैटबॉट की तरह नहीं, बल्कि एक साथी की तरह काम करते हैं। यानी आपको एक ऐसा साथी मिलेगा जो हर मामले में माहिर होगा।