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AI सेंसर से होटल्स में हाईटेक निगरानी! चोरी, स्मोकिंग या तोड़फोड़, अपराधियों की हर हरकत पर होगी निगरानी

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एआई का इस्तेमाल अब निजी व्यवसायों में भी होने लगा है। खासकर, सामान या कमरे किराए पर देने वाले लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने लगे हैं। हालाँकि भारत में अभी इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है, लेकिन कुछ विदेशी देशों में एआई रेंटल बिज़नेस में काफ़ी मददगार साबित हो रहा है। कार किराए पर देने वाली हर्ट्ज़ और यूरोप की सिक्स्ट जैसी कंपनियाँ कारों में छोटी-मोटी खरोंच या नुकसान का पता लगाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रही हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि यह तकनीक अब लोगों के आम जीवन में भी घर कर गई है। होटल व्यवसाय में भी इसका इस्तेमाल होने लगा है। आइए जानते हैं कि होटल और कार रेंटल स्टोर ग्राहकों की गलतियाँ पकड़ने के लिए एआई का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं।

होटलों में एआई का इस्तेमाल शुरू
HotelTechReport.com के सह-संस्थापक जॉर्डन हॉलैंडर का कहना है कि होटलों में एआई का इस्तेमाल शुरू हो गया है, लेकिन इसका इस्तेमाल बिलिंग के लिए नहीं हो रहा है। कुछ होटलों में एआई यह पता लगा रहा है कि कौन धूम्रपान कर रहा है और किस पर जुर्माना लगना चाहिए। एआई का इस्तेमाल अभी होटलों में होने वाली समस्याओं का पता लगाने के लिए हो रहा है, हो सकता है कि भविष्य में यह बिलिंग का काम भी करे। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि होटलों में AI कमरे से गायब सामान की भी जानकारी देगा, यानी इंसानों द्वारा की गई चोरी भी पकड़ी जा सकेगी।

एल्गोरिदमिक ऑडिटिंग पर भरोसा

वेक फ़ॉरेस्ट यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर शैनन मैक्केन का कहना है कि कंपनियाँ AI का इस्तेमाल करके अपना काम आसान बना रही हैं और नुकसान कम कर रही हैं। यही ‘एल्गोरिदमिक ऑडिटिंग’ है, यानी AI की मदद से छोटी-छोटी गलतियों को पकड़ना और उससे पैसे कमाना। प्रोफ़ेसर मैक्केन का कहना है कि AI पैटर्न पहचानने में बहुत अच्छा है। यही वजह है कि यह हर छोटे बदलाव या गलती को पहचान लेता है।

इंसानी गलतियों को नज़रअंदाज़ नहीं करता

AI अपने द्वारा पकड़ी गई गलतियों को मालिकों को दिखाता है और वे ग्राहकों से जुर्माने या पेनल्टी के तौर पर पैसे लेते हैं। प्रोफ़ेसर मैक्केन का मानना है कि अब मालिकों के पास ग्राहकों को देने के लिए एक तर्क है – ‘मशीन ने गलती बता दी है।’ अब ग्राहक इससे इनकार भी नहीं कर सकते। प्रोफ़ेसर शैनन मैक्केन का यह भी कहना है कि एल्गोरिदमिक ऑडिटिंग में ऐसी चुनौतियाँ हैं। जैसे, टायर पर एक खरोंच भी बिल में जुड़ जाती है, जबकि गाड़ी चलते समय टायर पर खरोंच लगना आम बात है। यह हर छोटी-मोटी गलती के लिए पैसे लेगा, जिसके लिए आमतौर पर इंसान भी पैसे नहीं लेता।

ग्राहकों को बेवजह जुर्माना देना पड़ेगा
होटलों में काम करने वाला AI सेंसर भी कभी-कभी गलतियाँ कर देता है। अगर कोई ग्राहक हेयर ड्रायर या स्प्रे का इस्तेमाल भी करता है, तो यह समझ जाता है कि धूम्रपान किया जा रहा है। ऐसे में, अगर भविष्य में होटलों का पूरा कामकाज AI पर छोड़ दिया जाए, तो ग्राहकों को बेवजह जुर्माना देना पड़ सकता है। हालाँकि, उम्मीद है कि समय के साथ AI में ऐसी खामियाँ कम होंगी।

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