बुधवार (30 अप्रैल) को अक्षय तृतीया का पावन दिन था, जिसे हिंदू संस्कृति में समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर पूरे देश में सोना-चांदी खरीदने की होड़ मची रही और बाजारों में ग्राहकों की चहल-पहल देखी गई। इसके लिए ज्वैलर्स ने पहले से ही बड़ी तैयारियां कर रखी थीं। दिन के अंत तक अनुमान लगाया गया कि देशभर में करीब 12 हजार करोड़ रुपये मूल्य का सोना और 4 हजार करोड़ रुपये मूल्य की चांदी का कारोबार हुआ। ऊंची कीमतों के बावजूद लोगों ने अपनी परंपरा और आस्था को कायम रखा और जमकर खरीदारी की।
इस समय बाजार का रुख क्या है?
इस बार भारी सोने के आभूषणों की अपेक्षा हल्के वजन के आभूषणों की मांग अधिक रही। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महासचिव और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “सोने और चांदी की कीमतें भले ही आसमान छू रही हों, लेकिन शादियों का सीजन और अक्षय तृतीया के शुभ दिन के कारण आज व्यापार तेज था। सोना सबसे अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है, इसलिए लोग ऊंची कीमतों को नजरअंदाज कर खरीदारी के लिए आगे आए।” उन्होंने अनुमान लगाया कि आज देशभर में 12 हजार करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 4 हजार करोड़ रुपये की चांदी की बिक्री हुई। इस आंकड़े से आभूषण विक्रेताओं और व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है।
सोने-चांदी के भाव कहां पहुंचे?
अखिल भारतीय ज्वैलर्स एवं स्वर्णकार महासंघ के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि आज अक्षय तृतीया पर सोने का भाव 97,500 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी का भाव 98,000 रुपए प्रति किलोग्राम रहा। ये कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि आज सोने की कीमत में 1,000 रुपये और चांदी की कीमत में 2,000 रुपये की गिरावट देखी गई। हालाँकि, ग्राहकों का उत्साह कम नहीं हुआ।
अरोड़ा ने कहा, “कीमतें भले ही अधिक हों, लेकिन अक्षय तृतीया का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व ऐसा है कि लोग इसे नजरअंदाज नहीं करते। इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है और यही कारण है कि बाजार में रौनक रही।”
पहले की तुलना में दर में कितना परिवर्तन हुआ है?
पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है:
– 2022: सोना – 52,700 रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी – 65,000 रुपये प्रति किलोग्राम
– 2023: सोना – 61,800 रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी – 76,500 रुपये प्रति किलोग्राम
– 2024: सोना – 74,900 रुपये प्रति 10 ग्राम
– 2025: सोना – 97,500 रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी – 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम
पंकज अरोड़ा ने कहा कि जब कीमतें कम होती हैं तो मांग अधिक होती है, लेकिन इस बार ऊंची कीमतों के बावजूद लोगों ने परंपरा को प्राथमिकता दी।
अक्षय तृतीया का महत्व क्या है?
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भारतीय ने इस दिन के पीछे की मान्यता को समझाया। उन्होंने कहा, “अक्षय का मतलब है जो कभी खत्म नहीं होता। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो कुछ भी खरीदा जाता है, वह हमेशा बढ़ता है और स्थायी समृद्धि लाता है। सोना धन, शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है, इसलिए लोग इसे खरीदने के लिए इस दिन का इंतजार करते हैं।”
उन्होंने कहा, “पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने कुबेर को खजाना और देवी लक्ष्मी को धन का आशीर्वाद दिया था। इसलिए अक्षय तृतीया पर खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है।”
यह दिन ज्वैलर्स के लिए विशेष दिन है
देश भर के आभूषण विक्रेता, स्वर्णकार और कारीगर इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि यह उनके लिए साल का सबसे बड़ा कारोबारी अवसर होता है। सुबह से ही बाजारों में भीड़ रही और शाम तक दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। हल्के आभूषणों की मांग ने छोटे बजट वाले ग्राहकों को भी इस शुभ दिन का हिस्सा बनने का अवसर दिया।
अक्षय तृतीया 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीयों की परंपरा और आस्था कीमतों से ऊपर है। 12000 करोड़ रुपये के सोने और 4000 करोड़ रुपये के चांदी के लेनदेन ने बाजार को नई चमक दी। क्या आपने भी इस बार कुछ खरीदा? हमें अपनी कहानी बताओ!