Apple के AI सफ़र की शुरुआत थोड़ी धीमी रही है। इतनी धीमी कि कंपनी को अपने AI-संचालित Siri को 2026 तक के लिए टालना पड़ा। इसकी सबसे बड़ी वजह Apple की सख्त गोपनीयता नीति है, जिसके कारण कंपनी के पास AI मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए बड़ा डेटाबेस नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए, Apple को अब अपने प्रतिस्पर्धियों की मदद लेनी पड़ रही है।
लेकिन अब Apple ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि उसके AI मॉडल कैसे बनाए जाते हैं और सीमित डेटा के बावजूद वे कितनी प्रभावी ढंग से काम करते हैं। कंपनी ने अपने निजी डेटा केंद्रों के लिए समर्पित AI सर्वर बनाए हैं जो Apple AI को शक्ति प्रदान करते हैं और भारी प्रोसेसिंग को संभालते हैं।
Apple के AI मॉडल कैसे प्रशिक्षित होते हैं?
Apple ने दो प्रकार के AI मॉडल विकसित किए हैं, एक छोटा मॉडल जो iPhone और iPad जैसे उपकरणों पर स्थानीय प्रोसेसिंग करता है, और एक बड़ा मॉडल जो कंपनी के प्राइवेट कंप्यूट क्लाउड पर चलता है। ये मॉडल टेक्स्ट समझने, इमेज पहचानने और कंटेंट निर्माण जैसे कार्यों में मदद करते हैं और साथ ही उपयोगकर्ता की गोपनीयता को भी ध्यान में रखते हैं।
Apple इन AI मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए वास्तविक उपयोगकर्ता डेटा का उपयोग नहीं करता है। इसके बजाय, कंपनी सिंथेटिक डेटा का इस्तेमाल करती है, यानी एआई द्वारा जनित डेटा जो सीधे उपयोगकर्ता से जुड़ा नहीं होता। कुछ हद तक, कंपनी डिवाइस एनालिटिक्स से जुड़े डेटा का भी इस्तेमाल करती है, लेकिन यह भी केवल उन्हीं डिवाइस से होता है जो इसकी अनुमति देते हैं। हालांकि, वास्तविक दुनिया के डेटा की कमी के कारण, Apple के AI मॉडल कभी-कभी उपयोगकर्ता इनपुट को सही ढंग से समझने में विफल हो जाते हैं, यही वजह है कि Siri जैसे फ़ीचर अभी भी सीमित क्षमता में ही काम करते हैं।
डिवाइस पर ही AI प्रोसेसिंग
Apple की तकनीक की एक बड़ी खासियत यह है कि कई AI फ़ीचर्स को क्लाउड की मदद के बिना, सीधे डिवाइस पर ही प्रोसेस किया जा सकता है। लेकिन जैसे ही कोई उपयोगकर्ता ChatGPT (OpenAI) या Google Gemini जैसी AI सेवाओं का उपयोग करता है, डेटा प्रोसेसिंग उन कंपनियों के सर्वर पर होती है जिन पर Apple का कोई नियंत्रण नहीं है। Apple का संपूर्ण AI इंफ्रास्ट्रक्चर गोपनीयता के मूल सिद्धांत पर आधारित है, चाहे वह कंप्यूटिंग तकनीक हो, डेटा स्टोरेज हो, या AI प्रशिक्षण विधियाँ हों। इस सीमित डेटा एक्सेस ने Apple को उन कंपनियों से पीछे छोड़ दिया है जिनके पास अरबों उपयोगकर्ताओं से जुड़े ओपन डेटा सेट तक पहुँच है, जैसे OpenAI और Google।
क्या Apple AI की दौड़ में पिछड़ रहा है?
WWDC 2025 इवेंट में भी Apple ने अपने AI फीचर्स ज़्यादा नहीं दिखाए और अब माना जा रहा है कि आने वाली iPhone 17 सीरीज़ भी AI से जुड़ी बड़ी घोषणाओं से चूक सकती है। Apple को अब 2026 में एक बड़ी रणनीति और एक मज़बूत AI लॉन्च की ज़रूरत होगी, वरना OpenAI और Google जैसी कंपनियों से आगे निकलना और भी मुश्किल हो जाएगा।