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Ardhnarishwar Bhagwan Shiv: क्या सिर्फ गृहस्थों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं अर्द्धनारीश्वर भगवान शिव

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कुवांरियों को मनचाहा वर व विवाहिता स्त्रियों को सुहाग व संतान की प्राप्ति भगवान शिव की पूजा करने से सहज होती है। शिव पुराण के अनुसार समस्त पुरुष भगवान सदाशिव के अंश और समस्त स्त्रियां भगवती शिवा की अंशभूता हैं, उन्हीं भगवान अर्द्धनारीश्वर से यह सम्पूर्ण चराचर जगत् व्याप्त है। शास्त्रों के अनुसार भगवान सदाशिव ने प्रसन्न होकर अपने वामभाग से अपनी शक्ति रुद्राणी को प्रकट किया है, वे ही भवानी, जगदम्बा व जगत्जननी हैं। स्त्री शक्ति और पुरूष शक्ति धारण करने वाले एकमात्र देवता हैं भगवान शिव। शिव परिवार के पूजन से बालक, युवा-युवतियों, वैवाहिक दम्पतियों, सभी की मनोमानाएं पूर्ण होती हैं। गणेश जी, शिव-पार्वती के पुत्र विघ्नहर्ता हैं, इसलिए प्रत्येक पूजन से पहले गणेश जी की वन्दना आवश्यक मानी गई है। स्त्रियों के लिए सबसे सरल है, व्रत-उपवास द्वारा शिव जी को प्रसन्न करना।

स्त्रियां अपनी ग्रहदशा व आवश्यकता के अनुसार सोलह सोमवार का व्रत, प्रदोष व्रत, सोमवार व्रत, शिवरात्रि, सावन सोमवार व्रत रख सकती हैं। शीघ्र विवाह के लिए सोलह सोमवार का व्रत विशेष प्रभावशाली होता है। संतान की कामना वाली स्त्रियां प्रदोष व्रत करती हैं। प्रदोष व्रत धन प्राप्ति, पति की लम्बी आयु एवं अन्य कामनाओं के लिए भी स्त्री एवं पुरू दोनों के द्वारा रखा जाता है। सुखी संसार एवं ग्रहों की शांति के लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर काला तिल, चावल, गंगाजल चढ़ाने मात्र से ही भोले बाबा शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। जिस व्यक्ति की कुण्डली में अनिष्ट ग्रहों की महादशा चल रही हो अथवा शनि या राहु भारी हो तो उन्हें तांबे का एक सर्प शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए, ऐसा करने से अनिष्ट पीड़ा तो शांत होती ही है, साथ ही पूर्व जन्म के श्राप, दोषों का शमन होता है।

संतान प्राप्ति हेतु विधि-विधान

संतान की कामना रखने वाले पति-पत्नी दोनों प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में स्नानादि से निवृत्त होकर उपवास रखें। भगवान शिव के प्रति पूर्ण श्रद्धा से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण गंगा की मिट्टी अथवा गेहूं के आटे से शिवलिंग का निर्माण करें। पार्थिव शिवलिंग बनाने के बाद इनकी गंध, अक्षत, बिल्वपत्र, धतूरा चढ़ाकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करें या किसी ब्राह्मण द्वारा सम्पन्न करवाऐं। पार्थिव लिंग के अभिषेक का पवित्र जल दोनों पति-पत्नी प्रसाद रूप में ग्रहण करें और भगवान शिव से पुत्र पाने के लिए प्रार्थना करें। यह प्रयोग कम से कम 21 दिनों तक पूरी श्रद्धा और भक्ति से करने पर शिव कृपा से संतान जन्म की कामना जल्द पूरी हो जाती है।

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