क्रिकेट न्यूज डेस्क।। सितंबर में होने वाला एशिया कप 2025 खतरे में है। ऐसी खबरें सामने आई हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम इस टूर्नामेंट में नहीं खेलेगी। इस बारे में बीसीसीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय टीम एशिया कप में भाग नहीं लेगी।
आपको बता दें कि इस बार एशिया कप 2025 की मेजबानी भारत कर रहा है, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए यह मुश्किल लग रहा है कि दोनों टीमें एक दूसरे के खिलाफ मैच खेलेंगी।
अगर टीम इंडिया नहीं खेलेगी तो क्या होगा?
दरअसल, एशिया क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के प्रमुख मोहसिन नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख हैं, जिसके कारण बीसीसीआई को टूर्नामेंट से पाकिस्तान को बाहर करने पर विचार करने का मौका नहीं मिला, लेकिन बीसीसीआई खुद ही टूर्नामेंट से हटने पर विचार कर रहा है। यह खबर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए बड़ा झटका होगी। अब अगर भारत इस टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लेता है तो एशिया कप 2025 का क्या होगा?
क्या एशिया कप 2025 भारत के बिना खेला जाएगा?
भारत के बिना एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025 India Pakistan) का मजा खराब हो जाएगा, क्योंकि इस टूर्नामेंट के ज्यादातर प्रायोजक भारत के ही हैं और अगर टीम इंडिया टूर्नामेंट नहीं खेलेगी तो उसे प्रायोजक मिलना मुश्किल हो जाएगा, जिससे पीसीबी को नुकसान होगा.
भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के क्रेज से हर कोई वाकिफ है और एसीसी इन दोनों टीमों के बीच मैच से काफी पैसा कमाता है। अब अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बड़ा मैच नहीं होगा तो आर्थिक नुकसान होगा। मोहसिन नकवी को भारत की जगह किसी अन्य एशियाई टीम को शामिल करने का मौका जरूर मिलेगा, लेकिन भारत के बिना टूर्नामेंट के रद्द होने की संभावना ज्यादा है।
यदि भारतीय टीम अपने फैसले पर अड़ी रहती है तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया कप और आईसीसी प्रतियोगिताओं में भारत की भागीदारी से पीसीबी को प्रति चक्र लगभग 165-220 करोड़ रुपये (20-26 मिलियन डॉलर) की कमाई होती है।
भारत-पाकिस्तान मैच ने दर्शकों की संख्या के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और विज्ञापनदाताओं से भी काफी कमाई हुई है। 2024-2032 एशिया कप के प्रसारण अधिकार सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया को 170 मिलियन डॉलर में बेचे गए, जिसका मुख्य कारण भारत की भागीदारी थी। वर्तमान में, प्रत्येक एसीसी सदस्य को प्रसारण राजस्व का 15% प्राप्त होता है, जो जल्द ही समाप्त हो सकता है।