क्रिकेट न्यूज डेस्क।। एशिया कप 2025 के लिए जब भारतीय टीम का ऐलान हुआ था, तब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर को लेकर काफी हंगामा हुआ था। विश्व विजेता खिलाड़ी कृष्णमाचारी श्रीकांत ने श्रेयस अय्यर को टीम में न चुनने के अजीत अगरकर के बयान को बकवास बताया था। हरभजन सिंह समेत कई दिग्गज खिलाड़ी इस टीम से पूरी तरह सहमत नहीं दिख रहे हैं, लेकिन बड़ी खबर ये है कि टूर्नामेंट से पहले ही अजीत अगरकर को बड़ा तोहफा मिल गया है। उनका कार्यकाल जून 2026 तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि, उनकी टीम के एक खिलाड़ी को सितंबर में छुट्टी दी जाएगी।
दरअसल, अजीत अगरकर की चुनी हुई टीम में फिलहाल सुब्रतो बनर्जी, अजय रात्रा, एसएस दास और एस शरत शामिल हैं। श्रीधरन शरत चेन्नई से आते हैं, जबकि उन्होंने 139 प्रथम श्रेणी मैचों में 8700 रन बनाए हैं। उनके नाम 27 शतक और 42 अर्धशतक दर्ज हैं। उन्होंने लिस्ट-ए में 116 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 4 शतकों और 20 अर्धशतकों की मदद से 3366 रन बनाए। शरत सितंबर 2021 से जनवरी 2023 तक जूनियर चयन समिति के सदस्य रहे, जिसके बाद उन्हें सीनियर टीम की चयन समिति में पदोन्नत किया गया।
बीसीसीआई के इस नियम के कारण एस. शरत की छुट्टी!
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के नियमों के अनुसार, कोई भी सदस्य लगातार 5 साल तक चयन समिति में बना रह सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अजीत अगरकर की टीम में नया चेहरा कौन होगा। माना जा रहा है कि बोर्ड इस पद के लिए किसी नए चेहरे को शामिल कर सकता है। भारत को अगले साल टी20 विश्व कप खेलना है। ऐसे में यह पद काफी अहम हो जाता है।
कौन हैं श्रीधरन शरत?
श्रीधरन शरत उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं जो घरेलू क्रिकेट में तो बड़ा नाम हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जगह नहीं बना पाए। वह सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण जैसे महान खिलाड़ियों के दौर में थे और इसीलिए उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिल पाया। भारतीय घरेलू क्रिकेट में उन्हें श्रीलंकाई विस्फोटक बल्लेबाज अर्जुन रणतुंगा जैसा माना जाता था।
उन्होंने 1992 से तमिलनाडु के लिए 15 सीज़न में लगभग 52 की औसत से 8390 रन बनाए। वह 100 रणजी ट्रॉफी मैच खेलने वाले तमिलनाडु के एकमात्र खिलाड़ी बने और दिसंबर 2006 में सौराष्ट्र के खिलाफ शतक बनाकर इस पल का जश्न मनाया। एक महीने बाद उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी, लेकिन अगले घरेलू सीज़न से पहले उन्होंने अपना मन बदल लिया और असम का प्रतिनिधित्व करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।