बिहार के राजनीतिक गलियारों से बड़ी खबर आ रही है. दरअसल, गुरुवार को बिहार में हुई महागठबंधन की बैठक और तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद कांग्रेस ने चुनावी माहौल को ध्यान में रखते हुए आपात बैठक बुलाई है. दरअसल, 15 जून को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. कहा जा रहा है कि चुनावी माहौल को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने यह आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में सभी विधायकों को मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सभी विधायकों को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्हें माई बहन योजना के साथ-साथ अन्य योजनाओं को भी जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी दी जाएगी. कांग्रेस माई बहन योजना को अहम बनाना चाहती है. इस बैठक में कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे. राहुल गांधी ने सभी नेताओं को जमीन पर जाने का निर्देश दिया है. विधानसभा चुनाव की गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं,
कांग्रेस ने अपनी रणनीति को मजबूत करना शुरू कर दिया है. गुरुवार को हुई महागठबंधन की बैठक में तेजस्वी यादव से चर्चा के बाद कांग्रेस ने यह आपात बैठक बुलाने का फैसला किया. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में माई बहन योजना को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति पर विचार किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण और आर्थिक सहायता से जुड़ी यह योजना बिहार में मतदाताओं, खासकर महिला मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का बड़ा हथियार हो सकती है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों को मौजूद रहने का सख्त निर्देश दिया गया है। इस बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान और राहुल गांधी ने नेताओं को साफ निर्देश दिया है कि वे लोगों के बीच जाएं और योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें तथा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में प्रभावी क्रियान्वयन के लिए काम करें। महागठबंधन के साथ गठबंधन को और मजबूत करने के लिए कांग्रेस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसकी रणनीति और योजनाएं मतदाताओं तक पहुंचे। माई बहन योजना को लेकर पार्टी का मानना है कि यह बिहार की महिलाओं के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। इसके तहत विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में योजना के लाभ का प्रचार-प्रसार करने और इसके क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।