टेक न्यूज़ डेस्क – अगर आप अपने घर पर मोबाइल टावर लगवाकर पैसे कमाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए एक काम की खबर है। आपने कई घरों की छतों पर मोबाइल टावर लगे हुए देखे होंगे। अगर आप अपने घर की छत पर सरकारी कंपनी बीएसएनएल का टावर लगवाने की योजना बना रहे हैं तो आपको थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। बीएसएनएल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी कर अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए एक खास जानकारी साझा की है।
आपको बता दें कि जब भी कोई टेलीकॉम कंपनी किसी के यहां मोबाइल टावर लगाती है तो बदले में कंपनी उस व्यक्ति को कुछ मासिक शुल्क भी देती है। कई लोग इसे बिजनेस के तौर पर भी लेते हैं। हालांकि अब सरकारी टेलीकॉम कंपनी ने अपने करोड़ों ग्राहकों को घर की छत पर टावर लगवाने को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। दरअसल इस समय एक फर्जी वेबसाइट है जो सरकारी कंपनी बीएसएनएल के नाम का इस्तेमाल कर रही है। यह वेबसाइट टावर लगवाने का झूठा वादा कर लोगों को ठग रही है। वेबसाइट में कहा जा रहा है कि वे उनके घर पर टावर लगवाएंगे और इससे उन्हें अच्छी खासी कमाई होगी।
🚨 Fake Website Alert 🚨
This website is FAKE and NOT associated with BSNL. 🚫
Please be cautious, because https://t.co/k2LMYKsFcu does not belong to BSNL.
Stay safe online and always verify official sources. Remember, your security is our priority.#BSNLIndia… pic.twitter.com/VQwmIL6KPX
— BSNL India (@BSNLCorporate) January 4, 2025
बीएसएनएल ने जारी की चेतावनी
इस फर्जी वेबसाइट का नाम https://bsnltowersite.in/ है। अब सरकारी कंपनी ने इस वेबसाइट को लेकर अलर्ट जारी किया है। कंपनी का कहना है कि यह वेबसाइट लोगों को ठग रही है। वेबसाइट टावर लगाने के बदले लोगों को ढेर सारे पैसे देने का वादा कर रही है लेकिन इनका असली मकसद लोगों की निजी जानकारी चुराकर उन्हें ठगना है। बीएसएनएल ने इस फर्जी वेबसाइट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है। बीएसएनएल ने एक्स पर पोस्ट कर अपने करोड़ों ग्राहकों को इस वेबसाइट द्वारा किए जा रहे दावों से सावधान रहने की सलाह दी है। कंपनी ने कहा कि यह वेबसाइट उनकी नहीं है।
वेबसाइट ढेर सारे पैसे देने का वादा करती है
आपको बता दें कि https://bsnltowersite.in/ मोबाइल यूजर्स को ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी इलाकों में तीन तरह के टावर लगाने के पैकेज भी दिखाती है। इसमें टावर लगाने के लिए 25,000 रुपये से 50,000 रुपये महीने का भुगतान करने का वादा किया जाता है। अगर आपको ऐसा कोई मैसेज या वेबसाइट दिखे तो ध्यान रखें कि यह पूरी तरह से एक घोटाला है। सरकारी कंपनी ऐसा कोई दावा नहीं करती है।