केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पेश करते हुए लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) की लिमिट 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है….
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वित्त मंत्री ने कहा, “हमने आरबीआई की LRS योजना के तहत TCS कलेक्शन की लिमिट को वर्तमान 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है.”
इस घोषणा को आसान शब्दों में समझें तो विदेश में पैसा भेजने वाले व्यक्तियों को अब TCS कटौती का सामना तभी करना पड़ेगा, जब उनका कुल रेमिटेंस एक कारोबारी साल में 7 लाख रुपये की पिछली सीमा के बजाय 10 लाख रुपये से अधिक होगा.
क्या है LRS योजना?
लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत भारतीय निवासी, जिसमें नाबालिग भी शामिल हैं, एक कारोबारी साल (अप्रैल-मार्च) में लगभग 2 करोड़ रुपये तक विदेश भेज सकते हैं. यह रकम करंट अकाउंट और कैपिटल अकाउंट से संबंधित किसी भी लीगल ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.
TCS सीमा बढ़ाने का असर
सरकार के इस कदम से विदेशी निवेश, शिक्षा, पर्यटन और अन्य अंतरराष्ट्रीय भुगतान करने वाले भारतीयों को राहत मिलेगी. इसके साथ ही, बाजार में विदेशी मॉनेट्री फ्लो को भी बैलेंस करने में मदद मिलेगी. सरकार का यह कदम विदेशी ट्रांजेक्शन को आसान बनाने और भारतीय नागरिकों के लिए कारोबार लचीलापन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.