बिज़नेस न्यूज़ डेस्क –देश को बजट 2025 से काफी उम्मीदें हैं। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए भी काफी अहम होने वाला है क्योंकि सरकार को अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार, कमजोर उपभोक्ता खपत और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मंदी से पार पाना है। ऐसे में पीएम मोदी ने संकेत दिए हैं कि बजट की प्राथमिकता किसे मिलेगी- अमीर-गरीब या मध्यम वर्ग। बजट सत्र की शुरुआत से पहले संसद भवन के बाहर प्रेस को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने संकेत दिए कि बजट में सरकार का फोकस किस पर रहने वाला है। उन्होंने कहा, “मां लक्ष्मी, देश के गरीब और मध्यम वर्ग पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखें।” इसका क्या मतलब है?
अमीर-गरीब या मध्यम वर्ग, किसे मिलेगा सरकार का साथ?
पिछले कुछ बजट में सरकार ने लगातार सप्लाई साइड पर काम किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश से लेकर कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 25 फीसदी करने तक का काम किया गया। साथ ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और दूसरी संपत्तियों पर टैक्स लगाने का प्रावधान किया, जो आमतौर पर उच्च मध्यम वर्ग या अमीर लोगों को ज्यादा प्रभावित करने वाले फैसले होते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान कि मां लक्ष्मी की कृपा गरीबों और मध्यम वर्ग पर बनी रहे, कई संकेत देता है। बजट में मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सरकार आयकर स्लैब में बदलाव कर सकती है।
नई आयकर व्यवस्था में मानक कटौती का लाभ बढ़ाया जा सकता है। इतना ही नहीं सरकार महंगाई, खासकर खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने पर भी ध्यान दे सकती है। इसके लिए कई खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी घटाया जा सकता है। इसके अलावा सरकार हाउसिंग सेक्टर को उछाल देने के लिए नई योजना भी ला सकती है, क्योंकि अब देश में किफायती आवास की जरूरत महसूस की जा रही है। ईटी की एक खबर के मुताबिक सरकार आरबीआई के साथ मिलकर ब्याज दरों में राहत, ईंधन और खाद्य तेल के आयात से पैदा होने वाली महंगाई को नियंत्रित करने पर भी ध्यान दे सकती है। बजट के बाद 7 फरवरी को आरबीआई की मौद्रिक नीति भी आनी है।
बजट 2025 में सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार कर सकती है। सरकार मनरेगा का दायरा भी बढ़ा सकती है। प्रधानमंत्री के लक्ष्मी कृपा वाले बयान का मतलब यह भी है कि सरकार गरीबों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं ला सकती है। उसका फोकस महिला सशक्तिकरण पर रह सकता है।