बजट 2025 में विनिवेश पर निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों की खास नजर है। सरकार हर साल कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर राजस्व जुटाती है, जिसे विनिवेश कहा जाता है। इससे सरकार को आर्थिक संसाधन मिलते हैं और कंपनियों के संचालन में भी सुधार होता है। इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार अगले वित्त वर्ष (FY26) में विनिवेश लक्ष्य ₹50,000 करोड़ रख सकती है, जो पिछले साल के बराबर ही रहेगा। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक इसे ₹75,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹1 लाख करोड़ किए जाने की भी संभावना है। अगर ऐसा देखा जाए तो इन शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं इन कंपनियों के बारे में।
कौन सी कंपनियों में हो सकता है विनिवेश?
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)
कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR)
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI)
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
IDBI बैंक
राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (RCF)
नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL)
BPCL: सबसे मजबूत दावेदार
BPCL को इस सूची में सबसे महत्वपूर्ण शेयर माना जा रहा है क्योंकि यह ऊर्जा के क्षेत्र में एक रणनीतिक कंपनी है और ईंधन की बढ़ती मांग को देखते हुए इसमें अच्छी वृद्धि की संभावना है. लेकिन पिछले सालों के बाजार की स्थितियों और चुनौतियों को देखते हुए सरकार के लिए इसे बेचना आसान नहीं होगा.
IDBI बैंक पर भी नजर
IDBI बैंक का विनिवेश भी इस साल एक बड़ा आकर्षण हो सकता है. उम्मीद है कि इसका विनिवेश जल्द हो सकता है.
विनिवेश से कंपनियों और सरकार को क्या फायदा?
विनिवेश सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय रणनीति है, जिसके तहत उसे राजस्व मिलता है और राजकोषीय घाटे को कम करना आसान होता है. इसके साथ ही जब किसी सरकारी कंपनी का विनिवेश होता है तो उसके संचालन में सुधार की संभावना बढ़ जाती है। निजी प्रबंधन के तहत कंपनियां अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकती हैं और उनकी कार्यकुशलता में भी सुधार हो सकता है।