केंद्रीय बजट 2025 में साइबर सिक्योरिटी प्रोजेक्ट और इनिशिएटिव के लिए 1,900 करोड़ रुपये से अधिक निर्धारित किए गए हैं जो पिछले बजट में आवंटित 1,600 करोड़ रुपये से अधिक है. यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है, जब डिजिटल फ्रॉड और साइबर क्राइम भारत की फाइनेंशियल और नेशनल सिक्योरिटी के लिए बढ़ते जोखिम पैदा कर रहे हैं. साइबर सिक्योरिटी कैपिटल प्रोजेक्ट को 782 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो 2024 में 759 करोड़ रुपये से मामूली बढ़ोतरी है.
” style=”border: 0px; overflow: hidden”” style=”border: 0px; overflow: hidden;” width=”640″>
इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) को 255 करोड़ रुपये आवंटित किये गये, जो पिछले वर्ष 238 करोड़ रुपये था. महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित साइबर सिक्योरिटी इनिशिएटिव में कमी देखी गई, पिछले साल 52.85 करोड़ रुपये की तुलना में 44.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है.
Interdisciplinary Cyber-Physical Systems को बड़ा बढ़ावा मिला, जिसके लिए 900 करोड़ रुपये मिले हैं, जो 2024 में 564.46 करोड़ रुपये से काफी अधिक है. बढ़ी हुई रकम साइबर खतरों से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों के अनुरूप है, जिस पर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 115वें एपिसोड के दौरान चिंता व्यक्त की थी. साइबर क्राइम की शिकायतों में ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड की हिस्सेदारी 67.8 फीसदी थी, जो मजबूत सुरक्षात्मक उपायों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है.