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Budget 2025: सिर्फ स्मार्टफोन और गैजेट्स ही इस यूनियन बजट में चीन को मिलेगा सबक और भारत को फायदा, जानिए कैसे ?

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टेक न्यूज़ डेस्क – केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोबाइल फोन से जुड़े कुछ कंपोनेंट पर आयात शुल्क हटाने की घोषणा की है। इससे देश में स्थानीय उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। इस कदम से घरेलू कंपनियों के साथ ही एपल और शियोमी जैसी विदेशी कंपनियों को भी सीधा फायदा होगा। पिछले छह साल में भारत का इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन दोगुना होकर 115 अरब डॉलर (करीब 99,41,100 रुपये) हो गया है। इसके साथ ही भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता देश बन गया है। काउंटरप्वाइंट की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में भारत के स्मार्टफोन बाजार के कुल रेवेन्यू में एपल की हिस्सेदारी 23 फीसदी है। इसके बाद 22 फीसदी के साथ सैमसंग दूसरे नंबर पर है। इन कंपोनेंट से हटाया गया टैक्स बजट में मोबाइल के जिन कंपोनेंट से टैक्स हटाया गया है, उनमें प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, कैमरा मॉड्यूल और यूएसबी केबल शामिल हैं। पहले इन कंपोनेंट पर 2.5 फीसदी टैक्स लगता था।

पीसीबीए पार्ट्स
कैमरा मॉड्यूल
कनेक्टर
वायर्ड हेडसेट का कच्चा माल
माइक्रोफोन
रिसीवर
यूएसबी केबल
फिंगरप्रिंट रीडर
मोबाइल फोन सेंसर
इसके साथ ही एलसीडी और एलईडी पैनल पर भी कस्टम ड्यूटी घटाकर जीरो कर दी गई है। इससे टीवी, स्मार्ट टीवी, लैपटॉप और स्मार्टफोन की कीमतें कम होंगी।

भारत को क्या होगा फायदा
डोनाल्ड ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति अपना रहे हैं। वह ज्यादा से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को अमेरिका की ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। ऐसे में भारत ड्यूटी घटाकर अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर का फायदा उठाने की स्थिति में रहना चाहता है। इससे वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने की गुंजाइश भी बनेगी।

चीन को सबक सिखाएगा भारत
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार विदेशी कंपनियों को लुभाने के लिए टैरिफ कम नहीं करती है तो हम स्मार्टफोन निर्यात की रेस में चीन और वियतनाम से पिछड़ सकते हैं। पिछले साल की शुरुआत में निर्मला सीतारमण ने कस्टम ड्यूटी को तर्कसंगत और सरल बनाने का ऐलान किया था। भारत की जटिल टैरिफ संरचना के कारण कई मोर्चों पर आलोचना होती रही है। टैरिफ कटौती के ऐलान के बाद देश में इलेक्ट्रॉनिक सामान का उत्पादन सस्ता हो जाएगा। इससे भारत स्मार्टफोन, टीवी और दूसरे गैजेट्स के उत्पादन में चीन और वियतनाम जैसे देशों से आसानी से मुकाबला कर सकेगा।

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