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Budget 2025-26 में रखें डिफेंस, PSU, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगायें अपना दांव,बदल जायेगी आपकी किस्मत

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बिज़नस न्यूज़ डेस्क,बजट आने वाला है। निवेशक और एक्सपर्ट उन अहम सेक्टर्स पर नजर गड़ाए हुए हैं जिन्हें सरकार से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ये बजट देश की आर्थिक प्राथमिकताओं को तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। कुछ सेक्टर्स को ज्यादा फंडिंग, इंसेंटिव्स और सुधारों से फायदा होने की उम्मीद है। मार्केट के जानकारों का मानना है कि इस बजट में डिफेंस, PSU (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर्स पर खास ध्यान रहेगा। ETMutualFunds ने जानकारों से बात करके पता किया है कि उन्हें इन सेक्टर्स से इस बजट में क्या उम्मीदें हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर
अरिहंत कैपिटल मार्केट्स के रिसर्च हेड अभिषेक जैन ने बताया कि आने वाले बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर सबसे ज्यादा अहमियत रखेगा। ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसे लेकर बजट में कुछ ऐलान हो सकते हैं। अटके हुए बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए भी कुछ पहल की जा सकती है। इस कैटेगरी में 18 स्कीम हैं और जुलाई 2024 में पिछले बजट के ऐलान के बाद से इनमें औसतन 10.89% की गिरावट आई है।इसके बावजूद एक्सपर्ट का सुझाव है कि निवेशकों को अपने निवेश को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। अभिषेक जैन का कहना है कि पोर्टफोलियो का एक उचित हिस्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स सेक्टर की अच्छी कंपनियों में लगाने से संभावित मुनाफे का फायदा उठाया जा सकता है। रिस्क को कम करने के लिए धीरे-धीरे निवेश करने की रणनीति अपनाई जा सकती है।

PSU
फाइनेंशल रेडिएंस के संस्थापक और सर्टिफाइड फाइनेंशल प्लानर राजेश मिनोचा का कहना है क इस बजट में ऊर्जा, रेलवे और रक्षा जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर ध्यान दिया जा सकता है। इसके अलावा, गवर्नेंस में सुधार, कर्ज का पुनर्गठन और ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं। इस कैटिगरी में लगभग छह फंड हैं, जिनमें जुलाई 2024 में पिछले बजट के ऐलान के बाद से औसतन 15.58% की गिरावट आई है।मिनोचा ने कहा कि जो लोग PSU फंड्स में निवेश करना जारी रख रहे हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए। डाइवर्सिफिकेशन बहुत जरूरी है। उन PSU पर ध्यान दें जिनकी बुनियादी स्थिति मजबूत है। निवेशकों को लंबे समय के निवेश को प्राथमिकता देनी चाहिए। लंबे समय तक निवेश करना, ‘रिटर्न’ के बजाय ‘समय’ पर ध्यान देना, कम्पाउंडिंग का सबसे अहम पहलू है।

डिफेंस
डिफेंस फंड्स के मामले में सरकार का ध्यान इस बजट में ज्यादा खर्च (capex) की बजाय खपत बढ़ाने पर होगा। साथ ही, पिछले 10 सालों में भारत का डिफेंस पर खर्च दुनिया के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ा है। इस कैटिगरी में दो फंड हैं। पिछले बजट के ऐलान के बाद से मोतीलाल ओसवाल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड में सबसे अधिक लगभग 15.35% की गिरावट आई है। इसी दौरान HDFC डिफेंस फंड में 12.19% की गिरावट आई है। हालांकि डिफेंस सेक्टर पर आधारित फंड नेगेटिव रिटर्न दे रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को अपने निवेश को बनाए रखना चाहिए।मुंबई की वेल्थ मैनेजमेंट फर्म, प्लान अहेड वेल्थ अडवाइजर्स के सीईओ विशाल धवन का कहना है कि सरकार के बढ़ते खर्च और रणनीतिक पहलों के चलते डिफेंस सेक्टर का लंबे समय का दृष्टिकोण सकारात्मक है। दुनिया में बढ़ते तनाव और भारत के आत्मनिर्भर होने के प्रयासों से घरेलू डिफेंस कंपनियों के ऑर्डर और रेवेन्यू में बढ़ोतरी हो रही है। नए निवेशकों को कीमतें कम होने का इंतजार करना चाहिए।

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