शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए बड़ी खबर आई है. टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली ने सीएनबीसी आवाज़ पर बताया कि Section 194:- इंडिविजुअल शेयर होल्डर को मिलने वाले डिविडेंड पर टीडीएस की सीमा में बदलाव किया गया है. बजट प्रावधान के मुताबिक अब सालाना 5 हजार रुपये के बजाय 10 हजार रुपये से ज्यादा के डिविडेंड पर टीडीएस लगेगा.
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इसको कुछ इस तरह समझ सकते हैं
डिविडेंड से होने वाली आमदनी पर TDS की सीमा को बढ़ाया गया है. पहले, अगर किसी व्यक्ति को किसी कंपनी से वार्षिक ₹5,000 से अधिक का डिविडेंड प्राप्त होता था, तो उस पर TDS लागू होता था. बजट 2025 में, इस सीमा को बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया है. अब, केवल ₹10,000 से अधिक के वार्षिक डिविडेंड पर ही TDS काटा जाएगा.
आम निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी
इस बदलाव से छोटे निवेशकों को लाभ होगा, क्योंकि अब उन्हें ₹10,000 तक के डिविडेंड पर TDS नहीं देना पड़ेगा, जिससे उनके कैश फ्लो में सुधार होगा.
सरकार के ऐलान से पहले क्या हो रहा था
अगर व्यक्ति को किसी कंपनी या म्यूचुअल फंड से एक वित्तीय वर्ष में ₹5,000 से अधिक का डिविडेंड प्राप्त होता है, तो उस पर स्रोत पर कर TDS देना होता था. आयकर अधिनियम की धारा 194 के तहत, ₹5,000 से अधिक के डिविडेंड पर 10% की दर से TDS काटा जाता है. अगर अपना पैन (PAN) नहीं है, तो TDS की दर बढ़कर 20% हो जाती है.TDS कटौती से बचने के लिए- कुल आय कर-मुक्त सीमा के भीतर है, तो आप फॉर्म 15G (गैर-वरिष्ठ नागरिक) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिक) जमा करके TDS कटौती से बच सकते हैं. डिविडेंड कुल आय में शामिल होती है और उस पर लागू इनकम टैक्स स्लैब दरों के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि आपकी कुल आय ₹10 लाख से अधिक है, तो डिविडेंड आय पर 30% की दर से कर लगेगा.