केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए CGHS (Central Government Health Scheme) एक बेहद लाभकारी योजना है। इसके तहत लाभार्थियों और उनके आश्रितों को सस्ती, सुगम और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। अब CGHS को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली बनाने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। 28 अप्रैल 2025 से CGHS के तहत नया Health Management Information System (HMIS) लागू कर दिया गया है, जो पुराने सॉफ्टवेयर की जगह ले चुका है।
क्यों जरूरी था नया HMIS?
CGHS का पुराना सॉफ्टवेयर साल 2005 से इस्तेमाल में था, जो मौजूदा डिजिटल मानकों, साइबर सुरक्षा की जरूरतों और यूजर एक्सपीरियंस के हिसाब से अब पुराना पड़ चुका था। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे अपडेट करने का फैसला किया और C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing) की मदद से नया HMIS विकसित किया गया। यह नया सिस्टम स्वास्थ्य सेवाओं तक तेज पहुंच, अधिक पारदर्शिता और लाभार्थियों के लिए बेहतर सुविधा सुनिश्चित करता है।
नए सिस्टम की प्रमुख विशेषताएं:
1. पैन-आधारित यूनिक पहचान:
हर लाभार्थी को अब एक यूनिक पैन-आधारित पहचान संख्या दी जा रही है। इससे डुप्लिकेट रिकॉर्ड हटाने और पात्रता की पुष्टि के काम में पारदर्शिता आएगी। सभी लाभार्थियों को सलाह दी गई है कि वे अपने पैन कार्ड को CGHS बेनिफिशियरी ID से लिंक करें।
2. डिजिटल वेरिफिकेशन और पेमेंट ट्रैकिंग:
भारत कोष के साथ एकीकृत व्यवस्था से अब कॉन्ट्रीब्यूशन पेमेंट्स ऑटोमैटिक वेरिफाई होंगे। यानी मैन्युअल एंट्री एरर, रिफंड की दिक्कत और प्रक्रिया में देरी अब खत्म होगी। ध्यान दें, अब CGHS पेमेंट सिर्फ www.cghs.mohfw.gov.in पोर्टल से ही किए जा सकेंगे।
3. प्री-पेमेंट एप्लीकेशन वेरिफिकेशन:
अब CGHS कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले ही आपकी पात्रता और देय राशि की जानकारी मिल जाएगी, जिससे रिजेक्शन की संभावना कम होगी और प्रक्रिया आसान होगी।
4. ऑनलाइन कार्ड संशोधन सेवाएं:
कार्ड ट्रांसफर, आश्रित की स्थिति में बदलाव या पेंशनर बनने जैसी कैटेगरी अपडेट्स अब पूरी तरह ऑनलाइन हो गई हैं। इससे घंटों ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
5. रियल-टाइम स्टेटस ट्रैकिंग और अलर्ट:
आपके आवेदन की स्थिति पर हर अपडेट अब SMS और ईमेल के जरिए मिलेगा, जिससे किसी प्रकार का भ्रम या फॉलो-अप की जरूरत नहीं रहेगी।
6. पासवर्ड रीसेट अनिवार्य:
साइबर सुरक्षा के लिए सभी यूजर्स को पहली बार लॉगिन करते समय पासवर्ड रीसेट करना अनिवार्य कर दिया गया है।
7. DDO/PAO कोड के जरिए विभाग की पहचान:
अब कर्मचारी के विभाग की पहचान सैलरी स्लिप में दिए गए DDO और PAO कोड से होगी, जिससे डेटा की बैकएंड मैपिंग सटीक होगी।
नया CGHS मोबाइल ऐप: एंड्रॉइड और iOS पर उपलब्ध
CGHS मोबाइल ऐप को भी रीलॉन्च किया गया है, जिसमें शामिल हैं:
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डिजिटल CGHS कार्ड तक सीधी पहुंच
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रीयल-टाइम स्टेटस ट्रैकिंग
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ई-रेफरल और अपॉइंटमेंट शेड्यूलिंग
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हेल्पडेस्क और स्थानीय CGHS कार्यालयों से संपर्क की सुविधा
जरूरी चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 27 अप्रैल 2025 के बाद भारतकोष के माध्यम से किया गया कोई भी पेमेंट अमान्य माना जाएगा और उस पर आधारित सभी आवेदन ऑटोमेटिक कैंसिल हो जाएंगे। ऐसे में नई वेबसाइट के जरिए ही सभी प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी।
18 वर्ष से ऊपर के सभी लाभार्थियों को सलाह दी गई है कि वे पैन को अपने CGHS ID से लिंक करें और अगर कोई गलती हो जाए, तो वेबसाइट पर जाकर लाभार्थी लॉगिन के जरिए सुधार के लिए आवेदन करें। साथ ही, वर्तमान में जारी कार्ड सामान्य रूप से काम करते रहेंगे और लाभ लेने में बाधा नहीं आएगी।
निष्कर्ष
नया HMIS सिस्टम CGHS के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी, बल्कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को स्वास्थ्य सेवाएं लेने में पहले से कहीं ज्यादा सुविधा होगी। अगर आप CGHS लाभार्थी हैं, तो तुरंत अपना पैन लिंक कराएं, नए पोर्टल को समझें और डिजिटल इंडिया की इस पहल का लाभ उठाएं।
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