हर दिन करोड़ों यात्री भारतीय रेलवे की ट्रेनों में सफर करते हैं। लेकिन बहुत से लोगों को रेलवे के जरूरी नियमों की जानकारी नहीं होती। ट्रेन में यात्रा के दौरान आपने कई बार देखा होगा कि कोई यात्री अचानक चेन खींच देता है और ट्रेन रुक जाती है। कुछ लोग ऐसा मज़ाक या आराम के लिए करते हैं, जबकि कुछ वास्तविक आपात स्थिति में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना वजह ट्रेन की चेन खींचना कानूनन अपराध है और इसके लिए आपको जेल तक हो सकती है?
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और आपात स्थितियों को ध्यान में रखते हुए चेन पुलिंग की सुविधा दी है। मगर इसका दुरुपयोग करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान भी किया गया है।
कब कर सकते हैं चेन पुलिंग और कैसे होती है पहचान?
रेलवे द्वारा चेन पुलिंग की सुविधा सिर्फ इमरजेंसी परिस्थितियों के लिए दी गई है। यदि किसी यात्री की अचानक तबीयत बिगड़ जाए, कोई बच्चा या बुजुर्ग स्टेशन पर छूट जाए या किसी अन्य खतरे की स्थिति हो, तो चेन खींची जा सकती है। इन परिस्थितियों में ट्रेन रुकवाना जायज माना जाता है और कोई कार्रवाई नहीं होती।
चेन पुलिंग करते ही ट्रेन के संबंधित कोच में लगे वाल्व से प्रेशर लीक की आवाज आती है और ट्रेन के ड्राइवर को तुरंत अलर्ट मिल जाता है। इसके बाद ट्रेन रोकी जाती है और रेलवे पुलिस उस कोच में जाकर जांच करती है कि चेन आखिर क्यों खींची गई। कोच के वाल्व घूमने से यह तुरंत पता लग जाता है कि किस डिब्बे से चेन खींची गई है। कई बार CCTV कैमरों की मदद से भी चेन खींचने वाले की पहचान की जाती है।
रेल अधिनियम क्या कहता है और क्या है सजा का प्रावधान?
भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 141 के तहत बिना वजह ट्रेन की चेन खींचना एक दंडनीय अपराध है। इस कानून के अनुसार अगर किसी व्यक्ति ने बिना किसी उचित कारण के ट्रेन की चेन खींची, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इस अपराध के लिए अधिकतम 1 साल की जेल या 1000 रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों सजा एक साथ दी जा सकती है। यानी अगर आपने बिना वजह ट्रेन की चेन खींच दी, तो आपको जेल भी हो सकती है और आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
रेलवे इस नियम के उल्लंघन को रोकने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है। खासतौर पर उन इलाकों में जहां ऐसे मामलों की संख्या अधिक होती है, वहां अतिरिक्त रेलवे स्टाफ को तैनात किया जाता है ताकि मौके पर ही चेन पुलिंग करने वालों को पकड़ा जा सके और तुरंत कार्रवाई की जा सके।
मजाक या लापरवाही में न करें चेन पुलिंग, बन सकता है जेल जाने का कारण
ट्रेन की चेन पुलिंग एक गंभीर सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ आपात स्थिति में ही होना चाहिए। लेकिन कई बार लोग इसे मजाक, जल्दी उतरने या किसी अन्य व्यक्तिगत कारण से खींचते हैं। यह न केवल रेलवे की व्यवस्था में रुकावट डालता है, बल्कि हजारों यात्रियों को भी असुविधा में डालता है।
रेलवे के अनुसार, एक बार ट्रेन के अचानक रुकने से अन्य ट्रेनों का टाइम टेबल भी बिगड़ जाता है और इससे नेटवर्क पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। इसके अलावा, इमरजेंसी के अलावा अन्य किसी भी कारण से ट्रेन को रोकना कई बार दुर्घटनाओं का कारण भी बन सकता है।
इसलिए अगर आप भारतीय रेलवे की ट्रेनों में सफर करते हैं, तो इस नियम को जरूर ध्यान में रखें। ट्रेन की चेन खींचना तभी करें जब कोई वास्तविक आपातकालीन स्थिति हो। अन्यथा, आप खुद को कानून के शिकंजे में फंसा सकते हैं।