क्रिकेट न्यूज़ डेस्क।। साल 1998 में पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किया गया था। लेकिन तब इस टूर्नामेंट का नाम और कुछ हुआ करता था। पहले इसे ‘विल्स इंटरनेशनल कप’ के नाम से जाना जाता था। इसे नॉकआउट ट्रॉफी भी कहा गया था। इस टूर्नामेंट को कराने में बड़ा योगदान आईसीसी अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का रहा था। टूर्नामेंट बांग्लादेश में आयोजित हुआ था और तब इसका प्रारूप नॉकआउट था। यानि हर टीम के हारने पर वह बाहर हो जाती थी।
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तब सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे बड़े नामों से सजी टीम इंडिया इस टूर्नामेंट में लंबा सफर तय नहीं कर पाई थी और क्वार्टर फाइनल में हार के साथ ही उसे बाहर होना पड़ा था। भारत को ऑस्ट्रेलिया ने हराकर बाहर किया था। 1998 के उस टूर्नामेंट के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच टक्कर हुई थी, जहां ब्रायन लारा ने शानदार बल्लेबाजी की थी।
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लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर खिताब जीता था। दक्षिण अफ्रीका ने यह पहला बड़ा आईसीसी खिताब जीता था। बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन अब लंबे सालों के बाद होने जा रहा है। आखिरी बार 2017 में इंग्लैंड में आयोजन हुआ था, जहां पाकिस्तान ने फाइनल में भारत को हराकर खिताब जीता था।
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इस बार टूर्नामेंट में 8 टीमें हिस्सा लेंगी। टूर्नामेंट की मेजबानी तो पाकिस्तान के पास है, लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से भारतीय टीम दुबई में मैच खेलने वाली है।बीसीसीआई ने टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया था। इस वजह से ही टीम इंडिया के मैच दुबई में शिफ्ट कर दिए गए हैं।