दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई। इससे पहले, बिटकॉइन रविवार को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया था। रविवार को एक बिटकॉइन की कीमत $125,245 तक पहुँच गई थी। 24 घंटों के भीतर, इसमें भारी गिरावट आई और यह 2% से ज़्यादा गिरकर $122,573 पर आ गया। पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन का बाज़ार पूंजीकरण ₹1.78 लाख करोड़ घट गया, यानी निवेशकों को 24 घंटों में ₹1.78 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। हालाँकि, बाद में बिटकॉइन कुछ हद तक संभल गया।
सोमवार दोपहर 1 बजे, बिटकॉइन $123,740 के आसपास कारोबार कर रहा था। पिछले 24 घंटों में इसमें 0.76% की गिरावट आई है। अमेरिकी सरकार के बंद होने के बावजूद, ETF में निरंतर निवेश के कारण बिटकॉइन रविवार को रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया, लेकिन बाद में इसमें गिरावट आई।
अन्य क्रिप्टोकरेंसी का क्या?
सुबह 10:22 बजे IST पर, बिटकॉइन पिछले 24 घंटों में 1.30% गिरकर $123,796 पर कारोबार कर रहा था। हालाँकि, इस सप्ताह इसमें लगभग 10.65% की वृद्धि हुई है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, इथेरियम, भी 1.14% गिरकर $4,529 पर आ गई। XRP, BNB, सोलाना, ट्रॉन, डॉगकॉइन, हाइपरलिक्विड और कार्डानो जैसे अन्य प्रमुख टोकन में भी इसी अवधि के दौरान 3% तक की गिरावट देखी गई।
बिटकॉइन की माँग क्यों बढ़ रही है?
यूनोकॉइन के सह-संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने बताया कि बिटकॉइन की माँग कई कारकों के कारण बढ़ रही है, जिनमें बड़े संस्थानों की रुचि, स्पॉट ईटीएफ में निवेश और वैश्विक अनिश्चितता के बीच इसकी सुरक्षित-हेवन स्थिति शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि मज़बूत अमेरिकी डॉलर या नियामकीय सख्ती जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक जोखिम, इसमें तीव्र गिरावट का कारण बन सकते हैं। कुल मिलाकर, बिटकॉइन में तेजी बनी हुई है, लेकिन इसमें उतार-चढ़ाव भी बना हुआ है।
अक्टूबर में तेजी
विशेषज्ञों के अनुसार, इस ‘अपटूबर’ (अक्टूबर का महीना तेजी के रुझान वाला होता है) में क्रिप्टोकरेंसी बाजार पूरे जोश में है। 4.5 अरब डॉलर से ज़्यादा के मज़बूत ईटीएफ निवेश और नई संस्थागत मांग (जिसमें 302 मिलियन डॉलर की जमा राशि भी शामिल है) इस तेज़ी को बढ़ावा दे रहे हैं। यह दर्शाता है कि बड़े निवेशक और संस्थान भी अब क्रिप्टोकरेंसी में रुचि दिखा रहे हैं।