टेक न्यूज़ डेस्क – AI की रेस में भारत अब दुनिया में अपनी धाक जमाने के लिए तैयार है। सरकार ने DeepSeek और ChatGPT जैसे AI प्लेटफॉर्म को टक्कर देने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी है। भारत AI मिशन के तहत अगले कुछ महीनों में स्वदेशी AI मॉडल लॉन्च किया जाएगा। हाल ही में अमेरिका की सिलिकॉन वैली में चीनी AI मॉडल DeepSeek R1 ने हलचल मचा दी है। OpenAI, Google, Microsoft जैसी कंपनियां चीनी AI मॉडल के आने से चिंतित हैं।
अगले 10 महीनों में होगा तैयार
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत अपना खुद का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) तैयार कर रहा है। इसके लिए देश में 18 हजार हाई-एंड GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) की सुविधा तैयार की गई है। चीन में लॉन्च किए गए DeepSeek AI में 2,000 GPU हैं, जबकि ChatGPT को 25 हजार GPU पर प्रशिक्षित किया गया है। भारत के ये 18 हजार से ज्यादा GPU अपने AI मिशन के लिए तैयारी कर रहे हैं। यह स्वदेशी AI मॉडल अगले 10 महीनों में तैयार हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा फोकस ऐसे एआई मॉडल पर रहेगा जो भारतीय संदर्भ और संस्कृति को समझ सकें। केंद्रीय मंत्री के इस बयान से पता चलता है कि यह एआई मॉडल भारत में ही विकसित किया जाएगा। इसे भारतीय यूजर्स की जरूरतों और संस्कृति के हिसाब से स्थानीय भाषाओं में विकसित किया जाएगा। भारत में विकसित होने वाले इस एआई मॉडल को हिंदी के अलावा संस्कृत, तमिल, तेलुगु, मराठी, बंगाली जैसी भाषाओं में प्रशिक्षित किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने इंडिया एआई मिशन के बारे में कहा कि पीएम मोदी की सोच बहुत समावेशी है। इंडिया एआई मिशन भारत की भावना के हिसाब से चल रहा है। हमने इंडिया एआई मिशन का पहला सबसे बड़ा पिलर तैयार किया है जो कॉमन कंप्यूट फैसिलिटी है। इस पैनल में 10 हजार जीपीयू के मुकाबले 18,693 जीपीयू शामिल हैं। जो स्टार्टअप बेसिक मॉडल विकसित करना चाहते हैं, उन्हें इस कॉमन कंप्यूट फैसिलिटी में अपने मॉडल विकसित करने का मौका मिलेगा।
जीपीयू क्यों जरूरी है?
एआई को प्रशिक्षित करने के लिए जीपीयू या ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट की जरूरत होती है, जो खास तौर पर एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) कमांड को तेजी से प्रोसेस करने के लिए डिजाइन किए गए हों। एनवीडिया और एएमडी जैसी कंपनियां ऐसे जीपीयू विकसित कर रही हैं। ये GPU इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनमें अरबों डेटा पॉइंट्स प्रोसेस किए जाते हैं। भारत ने भी अपने AI मिशन के ज़रिए इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है।