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Elon Musk की Starlink को भारत में एंट्री के लिए मिला License, सैटेलाइट इंटरनेट का इंतजार होगा खत्म

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स्पेसएक्स कंपनी के मालिक और टेक्नोलॉजी के मसीहा एलन मस्क के लिए शुक्रवार का दिन खास रहा। भारत में उनकी कंपनी स्टारलिंक को दूरसंचार विभाग (DoT) ने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज प्रदान करने का लाइसेंस दे दिया है। यह फैसला स्टारलिंक के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अब यह कंपनी भारत में अपने कमर्शियल ऑपरेशंस शुरू करने के बेहद करीब पहुंच गई है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह तीसरी कंपनी है जिसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज देने का अधिकार मिला है। इससे पहले यूटेलसैट, वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को यह लाइसेंस दिया जा चुका है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब भारत में स्टारलिंक अपनी सेवाएं शुरू करेगा तो इसकी कीमत क्या होगी और यह सेवा कितनी किफायती होगी।

स्टारलिंक की वर्तमान स्थिति और मौजूदगी

स्टारलिंक की वेबसाइट के अनुसार, यह कंपनी अमेरिका, यूके, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड समेत यूरोप के कई देशों में अपनी सेवाएं दे रही है। मार्च 2025 तक स्टारलिंक ने 18 अफ्रीकी देशों में भी अपनी लोकल सर्विसेज को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया है। यानी स्टारलिंक की पहुंच दुनिया के कई हिस्सों में हो चुकी है और भारत के बाजार में प्रवेश के बाद यह कंपनी अपने ग्लोबल नेटवर्क का विस्तार और तेज़ करेगी।

दुनियाभर में स्टारलिंक के प्लान और कीमतें

स्टारलिंक के डेटा प्लान और कीमतें अलग-अलग देशों में भिन्न हैं। यूएसए टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में स्टारलिंक का रेजीडेंशियल प्लान अनलिमिटेड डेटा के साथ आता है। वेबसाइट https://taun-tech.co.uk/ की रिपोर्ट के मुताबिक, यूके में स्टारलिंक के तीन मुख्य टैरिफ प्लान हैं:

  • इंटरनेट प्लान: 75 पौंड प्रति माह, डिवाइस की कीमत 460 पौंड

  • बिजनेस (प्रीमियम) प्लान: 150 पौंड प्रति माह, डिवाइस की कीमत 2410 पौंड

  • आरवी (एंटरटेनमेंट कैरियर्स) प्लान: 95 पौंड प्रति माह, डिवाइस की कीमत 460 पौंड

इसके अलावा, हार्डवेयर, शिपिंग, हैंडलिंग और टैक्स के लिए अतिरिक्त 40 पौंड का शुल्क भी देना होता है। डिवाइस इंस्टॉल करते समय यदि यूजर कनेक्शन कट कराता है, तो डिवाइस वापस कर सकता है। अमेरिका में स्टारलिंक लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट की मदद से दूर-दराज के इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाने का दावा करता है। यहाँ रेजीडेंशियल प्लान की कीमत 80 डॉलर से 120 डॉलर प्रति माह है, जबकि रोमिंग प्लान 50 डॉलर से 165 डॉलर प्रति माह तक की कीमत में उपलब्ध हैं। डिवाइस की कीमत 349 डॉलर से शुरू होती है, लेकिन इंस्टॉलेशन शुल्क इसमें शामिल नहीं है। ऑस्ट्रिया में स्टारलिंक का रेजीडेंशियल प्लान 50 यूरो प्रति माह है, जबकि ऑस्ट्रेलिया में इसकी कीमत 139 ऑस्ट्रेलियन डॉलर है। जर्मनी में भी रेजीडेंशियल प्लान 50 यूरो प्रति माह उपलब्ध है।

कौन-कौन से देश हैं अभी लॉन्चिंग के इंतजार में?

स्टारलिंक ने अपनी वेबसाइट पर कुछ देशों को अपनी अगली लॉन्चिंग सूची में रखा है। इनमें सऊदी अरब, पाकिस्तान, यूएई, थाईलैंड, तुर्की और वियतनाम शामिल हैं, जहाँ कंपनी अपनी सेवाओं को लेकर महत्वाकांक्षी है। लेकिन चीन, रूस, बेलारूस, सीरिया, अफगानिस्तान, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के लिए स्टारलिंक ने अभी तक कोई सेवा शुरू करने का इरादा नहीं जताया है।

भारत में स्टारलिंक की संभावित कीमतें और चुनौतियां

भारत में जब स्टारलिंक अपनी सेवाएं शुरू करेगा, तो कीमतें अन्य देशों की तुलना में थोड़ी अधिक या कम हो सकती हैं, क्योंकि भारत में इंटरनेट की पहुंच और प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा है। देश में सस्ते और तेज़ इंटरनेट की वजह से ग्राहक कीमतों को लेकर संवेदनशील होते हैं। ऐसे में स्टारलिंक को अपनी सेवा को किफायती और विश्वसनीय बनाना होगा ताकि वह यहां की बड़ी आबादी को आकर्षित कर सके। सैटेलाइट इंटरनेट की सबसे बड़ी चुनौती अभी इसकी लागत और नेटवर्क स्थिरता है, खासकर ग्रामीण और दूर-दराज इलाकों में। स्टारलिंक की लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट तकनीक से इन चुनौतियों को काफी हद तक कम करने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

एलन मस्क की स्टारलिंक को भारत में लाइसेंस मिलने से देश के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को नया विस्तार मिलने वाला है। यह सेवा दूर-दराज के इलाकों तक तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेट पहुंचाने में मदद करेगी। हालांकि, कीमत और सेवा की गुणवत्ता ही इसके भविष्य को तय करेगी कि यह भारत के लाखों उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हो पाती है या नहीं। इस प्रकार, स्टारलिंक का भारत में कदम टेक्नोलॉजी प्रेमियों के लिए एक बड़ी उम्मीद और बदलाव की शुरुआत साबित हो सकता है।

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