होम लोन लेने वालों को इस बार रिजर्व बैंक (RBI) से कुछ नई राहत की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। RBI ने अगस्त की मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट (RBI Repo Rate) को 5.5% पर स्थिर रखा है। यानी अब होम लोन की EMI में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।
इससे पहले, RBI ने इस साल लगातार तीन नीतिगत बैठकों में ब्याज दरों में कुल 100 आधार अंकों की कटौती की थी, लेकिन इस बार गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि पिछली कटौती का असर अभी भी सामने आ रहा है। इसलिए, ब्याज दरों को फिलहाल जस का तस रखने का फैसला किया गया। (होम लोन ब्याज दरें)
क्या आपकी EMI बढ़ेगी या घटेगी?
रेपो रेट न घटने का सीधा मतलब यह है कि बैंक भी अपनी ब्याज दरों में तुरंत कोई बदलाव नहीं करेंगे। यानी जो लोग सोच रहे थे कि EMI और कम हो जाएगी, उन्हें थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है। हालाँकि, EMI में राहत न मिलने का मतलब यह नहीं है कि आप कुछ नहीं कर सकते। अगर आपका होम लोन अभी भी ऊँची ब्याज दर पर चल रहा है, तो बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
बैलेंस ट्रांसफर से कैसे होगी बड़ी बचत?
मान लीजिए आपने 20 साल के लिए 40 लाख रुपये का होम लोन लिया है और उस पर 9% ब्याज दे रहे हैं। अगर आप इसे 7.75% की दर से लोन देने वाले बैंक में ट्रांसफर करते हैं, तो आपकी ईएमआई लगभग 3,151 रुपये कम हो सकती है और आपको कुल लगभग 7.56 लाख रुपये की ब्याज बचत हो सकती है। इस समय कई बैंक बैलेंस ट्रांसफर के ज़रिए अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन दे रहे हैं। ऐसे में अगर आप अभी भी महंगे लोन चुका रहे हैं, तो यह आपके लिए सही मौका हो सकता है।
कौन से बैंक दे रहे हैं सस्ते होम लोन?
अब मौजूदा होम लोन दरों की बात करें तो सरकारी बैंक अभी भी निजी बैंकों के मुकाबले सस्ते लोन दे रहे हैं। अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यहाँ हम आपको कुछ प्रमुख बैंकों की मौजूदा होम लोन ब्याज दरों के बारे में बता रहे हैं।
सरकारी बैंक से मिलेगा सबसे सस्ता लोन
केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया होम लोन पर 7.30% ब्याज दर ले रहे हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा में यह दर 7.45%, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में 7.50% और पंजाब नेशनल बैंक में 7.55% है। वहीं, अगर निजी बैंकों की बात करें, तो ICICI बैंक की ब्याज दर 7.70% या उससे ज़्यादा, HDFC बैंक की 7.90%, कोटक महिंद्रा बैंक की 7.99% या उससे ज़्यादा, एक्सिस बैंक की 8.35% और यस बैंक की यह दर 9.00% तक है। जैसा कि आप देख सकते हैं, निजी बैंकों की ब्याज दरें ज़्यादा हैं, जबकि सरकारी बैंक सस्ते लोन दे रहे हैं। इसलिए, लोन लेने से पहले विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना ज़रूर करें।
सिर्फ़ होम लोन ही नहीं, दूसरे लोन पर भी पड़ेगा असर
रेपो रेट स्थिर रहने का असर सिर्फ़ होम लोन पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि ऑटो लोन, पर्सनल लोन और MSME लोन की दरों में भी फिलहाल कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है। बैंकों की रणनीति अब ‘सिलेक्टिव लेंडिंग’ की है – यानी जिन ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर अच्छा है, उन्हें कम ब्याज दर पर लोन दिया जा रहा है।
लोन लेने से पहले ये काम करें
अगर आप EMI कम करना चाहते हैं, तो बैलेंस ट्रांसफर पर ज़रूर विचार करें।
अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें।
अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखें, ताकि आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सके।
अगर आप नया लोन लेने की सोच रहे हैं, तो सरकारी बैंकों को प्राथमिकता दें।
अगर आप भी होम लोन की EMI से परेशान हैं, तो इन स्मार्ट तरीकों से लोन मैनेज करके लाखों रुपये बचा सकते हैं।