अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट टीम की कप्तानी पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। बुमराह ने कहा है कि उन्होंने आईपीएल के दौरान भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से टेस्ट कप्तानी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए बुमराह ने कहा कि वह अपने कार्यभार को मैनेज कर रहे हैं और लंबे समय तक खेलने के लिए उन्हें अधिक समझदारी से काम लेने की जरूरत है।
बुमराह चोट की समस्या से जूझ रहे हैं
पिछले कुछ सालों से बुमराह चोट की समस्या से जूझ रहे हैं और चोट के कारण उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पांचवें मैच से हटना पड़ा था। चोट के कारण बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी का हिस्सा नहीं बन पाए थे जिसे भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में जीता था। बुमराह ने कहा कि बीसीसीआई चाहता था कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद वह भारतीय टीम की कमान संभालें।
बुमराह ने कहा, ‘आईपीएल के दौरान, रोहित शर्मा और विराट कोहली के रिटायर होने से पहले, मैंने बीसीसीआई से बात की थी। मैंने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में आगे के कार्यभार पर चर्चा की। मैंने उन लोगों से बात की, जो मेरी पीठ की समस्या का ख्याल रख रहे हैं। हम इस नतीजे पर पहुंचे कि मुझे थोड़ा और सावधान रहना होगा। फिर मैंने बीसीसीआई को फोन किया और कहा कि मैं कप्तानी की भूमिका में नहीं दिखना चाहता क्योंकि मैं सभी टेस्ट मैच नहीं खेल पाऊंगा। गिल को कप्तान नियुक्त किया गया। बुमराह ने कहा, ‘बीसीसीआई कप्तानी की भूमिका के लिए मुझे देख रहा था, लेकिन मुझे उन्हें मना करना पड़ा क्योंकि तीन टेस्ट मैचों में किसी और का नेतृत्व करना आदर्श नहीं है, फिर कोई और शेष टेस्ट मैचों का नेतृत्व करता है। इसलिए यह टीम के लिए उचित नहीं है, क्योंकि मैं टीम को प्राथमिकता देना चाहता था।’ मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम की घोषणा करते हुए शुभमन गिल को भारत का अगला टेस्ट कप्तान बनाया। रोहित के रिटायरमेंट के बाद, इस बात पर काफी चर्चा हुई कि टीम का नेतृत्व कौन करे, लेकिन गिल ने इस दौड़ में बुमराह को पीछे छोड़ दिया।