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Girls Will Be Girls Review: 90s का मिस्ड कॉल वाला प्यार याद दिला देगी ये फिल्म, यहां पढ़िए प्यार और तकरार की दिलचस्प कहानी का रिव्यु

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मनोरंजन न्यूज़ डेस्क – आज के दौर में बड़े पर्दे के अलावा OTT प्लेटफॉर्म पर भी मनोरंजन जारी है। आए दिन किसी न किसी OTT प्लेटफॉर्म पर फिल्में और वेब सीरीज रिलीज होती रहती हैं। गुरुवार को मशहूर OTT प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर गर्ल्स विल बी गर्ल्स नाम की फिल्म रिलीज हुई है, जो एक स्कूल रोमांटिक ड्रामा थ्रिलर है। खास बात यह है कि इस फिल्म का निर्माण पुशिंग बटन स्टूडियो के बैनर तले किया गया है, जिसके मालिक अभिनेता अली फजल और उनकी पत्नी अभिनेत्री ऋचा चड्ढा हैं। दोनों ने ही बतौर अभिनेता अपनी छाप छोड़ी है और अब यह जोड़ी बतौर निर्माता भी इंडस्ट्री में अपना डेब्यू कर चुकी है। आइए जानते हैं गर्ल्स विल बी गर्ल्स किस तरह की फिल्म है।

गर्ल्स विल बी गर्ल्स की कहानी क्या है?
गर्ल्स विल बी गर्ल्स एक बेसिक लव स्टोरी ड्रामा स्टोरी है। जिसकी शुरुआत एक स्कूल से होती है, जहां अनुशासन की सख्ती काफी ज्यादा है। इस स्कूल में 18 साल की मीरा किशोर (प्रीति पानीग्रही) पढ़ती है, जो अपने स्कूल के नियम-कायदों का पूरी तरह से पालन करती है। लेकिन उसकी जिंदगी में एक ट्विस्ट तब आता है जब उसके स्कूल में एक नया स्टूडेंट श्रीनिवास यानी श्री (केशव बिनॉय किरण) आता है। मीरा को श्री पहली नजर में ही पसंद आने लगती है। लेकिन मीरा की मां अनिला (कनू कुसरुति) उनकी प्रेम कहानी में अहम भूमिका निभाती है, जिसकी वजह से काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। अनिला का किरदार फिल्म की कहानी को और दिलचस्प बनाता है। श्री की वजह से मां-बेटी का रिश्ता किस तरह टकराव तक पहुंचता है, यह जानने के लिए आपको गर्ल्स विल बी गर्ल्स देखनी होगी। कुल मिलाकर यह आपको 90 के दशक की प्रेम कहानी की ओर ले जाएगी।

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निर्देशन ने किया प्रभावित
गर्ल्स विल बी गर्ल्स का प्लस पॉइंट इसकी कहानी और निर्देशन रहा है। जिसे निर्देशक शुचि तलाटी ने बेहद शानदार तरीके से पेश किया है। तलाटी ने कहानी की नब्ज को बखूबी समझते हुए गर्ल्स विल बी गर्ल्स को तैयार किया है। निर्देशन के लिए तो उन्हें पूरे नंबर मिलते हैं, लेकिन सिनेमाई ग्राफिक्स के मामले में फिल्म थोड़ी फिसड्डी नजर आती है। आपको बता दें कि इस फिल्म ने कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भी वाहवाही बटोरी है।

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कैसी रही स्टार कास्ट की एक्टिंग
कहानी और निर्देशन के बाद अब बात करते हैं कि गर्ल्स विल बी गर्ल्स की स्टार कास्ट ने एक्टिंग के साथ किस तरह न्याय किया है, तो केशव बिनॉय किरण, प्रीति पाणिग्रही और कनु कुसरुति ने मिलकर बेहतरीन एक्टिंग से अपने किरदारों में जान डाल दी है। एक्टिंग के मामले में इन तीनों ने बेहतरीन काम किया है, जो काबिले तारीफ है। अगर आप पुराने जमाने के रोमांटिक ड्रामा देखने के शौकीन हैं, तो आपको यह फिल्म जरूर पसंद आएगी। क्योंकि स्मार्टफोन के जमाने में यह आपको मिस्ड कॉल के प्यार की याद दिलाएगी।

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फैसला
यह फिल्म कमाल की है और अगर आप 90 के दशक में पैदा हुए हैं, तो ऋचा और अली की यह फिल्म आपको स्कूली शिक्षा के दौर में ले जाएगी। वह दौर जब मोबाइल का चलन नहीं था और रोमांस वन-रिंग लैंडलाइन पर आधारित था। फिल्म बेहद सरल है और यही इसकी खूबी है, इसे और दिलचस्प बनाने के लिए किसी तरह के जबरदस्ती के तड़के की जरूरत नहीं है। फिल्म अपनी गति से चलती है जो एकदम सही है। यह पानी की तरह बहती है और दर्शकों को सुकून देती है। किरदार कायल करने वाले हैं। टीनेज रोमांस से लेकर मां-बेटी के एंगल तक, फिल्म हर चीज को बड़ी ही मजबूती से पेश करती है। कुल मिलाकर गर्ल्स विल बी गर्ल्स को साल की टॉप 5 बेहतरीन फिल्मों में गिना जाना चाहिए और इसे किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

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