देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती से सरकार को राजस्व का नुकसान हो सकता है। अनुमान लगाया गया है कि जीएसटी दरों में कमी से केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2026 में 3700 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा, 48000 करोड़ रुपये का सकल राजस्व घाटा और 25794 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व घाटा हो सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
जीएसटी दरें 4 से घटकर 2 प्रतिशत हुईं
बता दें कि जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी दरों में कटौती का फैसला किया था। पहले जीएसटी की 4 दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत थीं, लेकिन अब ये दरें घटकर केवल 5 और 18 प्रतिशत रह गई हैं। वहीं, विलासिता और अहितकर उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी की घोषणा की गई है। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा मध्यम वर्ग के लोगों को बताया जा रहा है, क्योंकि जीएसटी दरों में बदलाव से कई चीजों की कीमतें कम होंगी।
सरकार को अनुमानित घाटा
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों के अनुसार, राजस्व घाटा 6960 करोड़ रुपये रहने का अनुमान था, लेकिन खपत और विकास दर में वृद्धि के कारण, वित्त वर्ष 2026 में यह घाटा 3740 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों के आधार पर, वित्त वर्ष 2026 में सकल राजस्व घाटा 93,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, लेकिन अतिरिक्त राजस्व संग्रह के साथ, सकल राजस्व घाटा 48,000 करोड़ रुपये हो सकता है। वहीं, शुद्ध राजस्व घाटा 1.11 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो उच्च कर राजस्व और मजबूत खपत दर के कारण 25794 करोड़ रुपये हो सकता है। बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीएसटी दरों में कमी के कारण सरकार को लगभग 1 ट्रिलियन का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।