बिज़नेस न्यूज़ डेस्क – पुष्पा झुके या न झुके… लेकिन थिएटर में पुष्पा जैसी फिल्म देखने जाने वाले सिनेमा प्रेमियों की जेब जरूर झुकने वाली है। क्योंकि सरकार ने पॉपकॉर्न पर टैक्स लगाना शुरू कर दिया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि सरकार अब स्वाद के हिसाब से टैक्स लगाएगी। जैसलमेर में हुई जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया है। अब इससे न सिर्फ टिकट खरीदने की टेंशन बढ़ेगी बल्कि फिल्म देखते हुए पॉपकॉर्न खरीदने वालों को भी ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
पॉपकॉर्न पर कितना टैक्स देना होगा?
जीएसटी काउंसिल ने फोर्टिफाइड चावल के टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाते हुए इस पर 5% जीएसटी लगाने का फैसला किया है, चाहे इसका इस्तेमाल किसी भी तरह का हो। वहीं, रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न पर टैक्स दरों को लेकर भी पूरी जानकारी सामने आ गई है। साधारण नमक और मसालों से तैयार पॉपकॉर्न अगर पैक और लेबल नहीं है तो इस पर 5% जीएसटी लगेगा। वहीं, पैक और लेबल होने पर यह दर 12% होगी। वहीं, कारमेल जैसी चीनी से तैयार पॉपकॉर्न को “चीनी कन्फेक्शनरी” की श्रेणी में रखा गया है और इस पर 18% जीएसटी लगेगा।
बैठक में इन फैसलों पर भी चर्चा हुई
आपको बता दें कि जीएसटी परिषद की बैठक में बीमा, लक्जरी उत्पाद, विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए दरों में समायोजन सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी। पिछले कुछ महीनों में चर्चा हुई है कि परिषद द्वारा जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर जीएसटी दरों को कम करने के उद्देश्य से प्रस्तावों पर विचार किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा, खाद्य वितरण सेवा, साइकिल और पैकेज्ड ड्रिंक्स जैसी आवश्यक वस्तुओं पर दरों को कम करके व्यक्तियों के लिए कर के बोझ को कम करने पर संशोधित ध्यान केंद्रित किए जाने की प्रबल संभावना है।