भारत सरकार 13 फरवरी को संसद में आयकर विधेयक 2025 पेश करने की योजना बना रही है। यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग को एक नया आयाम देगा और इसके कराधान को सुव्यवस्थित करेगा। अब तक आयकर अधिनियम, 1961 के तहत ऑनलाइन गेमिंग को लॉटरी और जुए की तरह माना जाता था, लेकिन नए विधेयक में इसे अलग से परिभाषित किया जाएगा, जिससे कराधान के दृष्टिकोण से डिजिटल गेमिंग क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता आएगी।
ऑनलाइन गेमिंग की नई परिभाषा
आयकर विधेयक 2025 में ऑनलाइन गेमिंग को इंटरनेट पर उपलब्ध किसी भी गेम के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसे कंप्यूटर या दूरसंचार डिवाइस से एक्सेस किया जा सकता है। इस नई परिभाषा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऑनलाइन गेमिंग को जुआ या सट्टेबाजी जैसी अन्य गतिविधियों से अलग किया जाए। कर विशेषज्ञों ने बताया है कि यह विधेयक गेमिंग क्षेत्र में आयकर नियमों को स्पष्ट करेगा तथा यह सुनिश्चित करेगा कि इस क्षेत्र से प्राप्त आय पर उचित कर लगाया जाए।
नये कर नियमों में क्या है खास?
अब कर केवल शुद्ध जीत पर लगाया जाएगा, अर्थात कर की गणना प्रवेश शुल्क या दांव को समायोजित करने के बाद ही की जाएगी। इससे गेमर्स को संतुलित कराधान का लाभ मिलेगा। टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) का प्रावधान भी बदल जाएगा। विधेयक के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग से 10,000 रुपये से अधिक की शुद्ध आय पर टीडीएस लागू होगा। इसका मतलब यह है कि यदि किसी खिलाड़ी की एकल लेनदेन में शुद्ध जीत 10,000 रुपये से अधिक है, तो टीडीएस काट लिया जाएगा। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों या मध्यस्थता करने वाले प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करना होगा कि टीडीएस तभी काटा जाए जब राशि खिलाड़ी के खाते में जमा हो जाए या भुगतान समय पर करके सरकार को जमा कर दिया जाए।
नये विधेयक के तहत ऑनलाइन गेमिंग आय से प्राप्त कोई भी व्यय या भत्ता पात्र नहीं होगा। यानी खिलाड़ियों को गेमिंग से मिली शुद्ध जीत पर पूरा टैक्स देना होगा। आपको बता दें कि यदि किसी खिलाड़ी को ऑनलाइन गेमिंग में नुकसान होता है, तो उसे अन्य आय के साथ समायोजित नहीं किया जा सकता है और न ही इसे अगले वर्षों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
इस परिवर्तन से क्या लाभ होंगे?
यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में कर संरचना को स्पष्ट करेगा, जिससे करों का प्रबंधन आसान हो जाएगा। इसके साथ ही सरकार को गेमिंग सेक्टर से अधिक कर संग्रह मिलेगा, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी। नये विधेयक से ऑनलाइन गेमिंग कम्पनियों और खिलाड़ियों दोनों को लाभ होगा। इसके साथ ही आयकर विभाग के लिए भी निगरानी आसान हो जाएगी क्योंकि टीडीएस की जिम्मेदारी सीधे गेमिंग कंपनियों पर होगी।
गेमिंग उद्योग और खिलाड़ियों पर प्रभाव
यह नया विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को बेहतर विनियमन और कर अनुपालन की ओर ले जाएगा। हालाँकि, खिलाड़ियों को अपनी शुद्ध जीत पर कर का भुगतान करना होगा, जिससे उनकी कर देयता बढ़ सकती है। गेमिंग कंपनियों को टीडीएस की कटौती और भुगतान की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी उठानी होगी।